________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Ach 126 धातुसंग्रह. भ्रे, (2) उ. 1. गतौ भये च. 14, 2 . भ्रषति-ते यथे. श्रेषः - (भ्रंश), अभ्रेषः (नीति). भ्लक्ष, (अ) उ. 1. अदने. पाj, म. लक्षति-ते पायछे. भ्लाश, (टु, ऋ) आ. 1. दीप्तौ 5. लागते, म्लाश्यते पछ. भलेष्, (2) उ. 1. गतो. पुं. श्लेषति-ते जयछे. मक, (इ) आ. 1. मंडने गतौ च. 1 ला१यु, , 2 . मंकते शरीरमलंकारेण नारी. नारी 21 ।१२ने शोनाछे. मंकनः (लू१५), मंकना (खविशेष), मंकण: (+(5), 1 मकरः, 2 मंकुरः (145. - 2 5054ii ), मकरः- मगर, मक्ष, (अ) प. 1. संघाते. मात्र 42: मक्षति म रेछ. मक्षिका (भा मी), मक्षः (अध), मक्षीचूषः= भइसीयूस. मख, (अ) प. 1. गत्यर्थः. पुं. मखति नयछ. मखः (यस). मख, (इ) प. 1, गत्यर्थः. 4. मंखति यछे. मंखः (गति). मग, (इ) प. 1. सर्पणे. 4. मंगाते लयचे. मगधः (मे 21), मंगलम् (ल्याण, शुभ), मंगलः (भंगणवा२). मगध, प. 11. परिवेष्टने नीचदास्ये च. 1 वीg, 2 नायितुं सत्व 42, 4. मगध्यति वी. मगधः (1 या-५४, पीवंयो). मघ, (इ) आ. 1. गत्याक्षेपे कैतवे च. गतेराक्षेपोनिंदा वेगआरंभ उपलंभोवा, कैतवं वंचना. 1 गतिनिधी, 2 तिनो पहोवो, 3 तिनो मान १२वो. गति ४२वी, 5 छेत२. भंघते गति निछ इ०. मघा (नक्षत्र), मघवा (अन् + / मघ, (इ) प. 1. मंडने. शोलापपुं. मंघति शोनाछे. मच, (अ) आ. 1. कल्कने, कल्कनं दंभः शाठ्यं कथनं च 1 -हुँ। ४२पो, 2 24 // ४२वी, 3 गुणरो५ ४२वी, स्तुति ४२वी. मचते मूढः भू हम छे इ०. काकमाची (1670 मोषधि विश५). मच, (इ) आ. 1. धारणोच्छ्रायपूजनेषु. 1 धा२९५ 42, 272, 45. मंचते धा२९५ ४२छ इ०. 1 मंच:= भांयो. 2 मंचकः = भायो (पारसी), मंचा = मांयी. मंचिका = मायडी (पारसी). For Private And Personal Use Only