________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 125 भ्रम, (उ) प. 4. अनवस्थाने. अनवस्थानं देशांतरगमनम् . मन 42, श्रम 5 42Y, लमयु, 32 . भ्राम्यति लोभी सोनी नभेछ, 1 भ्रमः 2 भ्रांतिः, 3 भ्रमणम् (1 मिथ्यासान, 2 2421), भ्रमी (इन् + प्रमा ) जलभ्रमः (पानो नमरो), भ्रमिः (वायु), भूः (Riv4 सी रोमपंडित), 1 भ्रूकुटिः, 2 भ्रकुटि: (भू दुटि५ ४२वी), भ्रातः (नभेदो), भ्रमरः (1 लभर पंजी, २४पाले पानो मभरो), भ्रमणम् (121) भ्रंश, (उ) आ. 1. अवलंसने. नीये 53, हेट ५७यु. भ्रंशते नाये ५छे. भ्रंशः (411), अपभ्रंशः (1 ५तन, 2 भाषाविशेष), भ्रष्टः (पतित). भ्रंश, (उ) प. 4. अधःपतने. नाये 57. भ्रश्यति नाये छे. भ्रंशः, भ्रष्टः भ्रंस, (उ) आ. 1. अवलंसने. नाये 57. भंसते नाये 5 छे. भंसः. भ्रस्ज, (अ) उ. 6. पाके. रो४, मुंrपु. भृज्जति-ते शे. भृष्टम् (रो j), भृष्टि:- भट्ठी = नाही. भृज्जनम् (५यन), भृज्जनः (पा-५४), भ्राष्ट्रः (सेवाणु पात्र), भृगुः (*षि). भ्राज, (ऋ) आ. 1. दीप्ती. . भ्राजते पछे. 1 भ्राट, 2 विभ्राट (a ). भ्रान, (टु, ऋ) आ. 1. दीप्ती. ayg. भाजते हीपेछे. 1 भ्राट, 2 विभ्राट (54), भ्राजिष्णुः (मिमंत), भ्राता (ऋ + ). भ्राश, (टु, क) आ. 1. दीप्तौ. 5j. भ्राशते, भ्राश्यते दीपेछे. भ्री, प. 9. भरणे भये च. 1 012, पोप, धा२६५ 42y, 2 "ii. श्रीणा ति-भ्रिणाति पत्नी पतिः पति पत्नीने पोछे इ०. भ्रड, (अ) प. 6. आच्छादने संचये च. 1 मोऽ, disयु, 2 सांय, मे. 42. भ्रडति मोडेछ. भ्रण, (अ) आ. 10. आशाविशंकयो:. 14/27j, मा२॥ ४२वी, 2 मारा, मोj, पी. भ्रूणयते पुत्रं वंध्या. चा पुत्रने १४च्छेछ. भ्रूणः (1 साल, 2 खीगन). भ्रेज, () आ. 1. दीप्तौ. 5. श्रेजते पछि. For Private And Personal Use Only