________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. बह, (इ) उ. 10. भाषाथै भासार्थे च. 1 पोल, 2 5'. बृहयति-ते मालेछ इ०. बृह, (अ) प. 6. उद्यमने. उद्यमनमुद्धरणम्. GU2. बृहति वारे. . बेह, (क) आ. 1. मयन्ने. प्रयत्न 42y, यो ४२वो. बेहते प्रयत्न रेछ. ब्युस, (अ) प. 4. विभागे. विना। ४२वो. ब्युस्यति विना छे. ब्र, (3) उ. 2. व्यक्तायां वाचि. स्पष्ट मोस. ब्रवीति, ब्रूते, आह मोलछे. ___ वाच्यम् (12 / 6 नाम), वाक्यम् (2 / 06 नाम), प्रवाच्यः (अंथविशेष), .. 5 वाक्, 2 वाचा (पी), उक्थम् (साम). बूस्, (अ) उ. 10. हिंसायाम्. ए. ब्रूसयति -- ते व्याघश्चौरम् पाय ___ यारहवे. भक्ष, (अ) प. 1. अदने. मा, भ. भक्षति मोदकं विप्रः विप्र मो६५ भेछ• भक्षकः (मना२), भक्षणम् (म), भक्षितम्. भक्षति = भक्खइनमे. भक्ष, (अ) उ. 10. अदने. भ. भक्षयति - ते लडकं नरः 12 // 4. भछे. भक्ष्यम् (लोन्य), अभक्ष्यम् (मनोन्य), भक्षणम्, अभक्षणम्, भक्षकः भक्षितम् = भक्खिरं = Hy. भज, (अ) उ. 1. सेवायाम्. Mr. भजति - ते सेवछे. भक्तिः, विभक्तिः, संभक्तिः, भजनम्,विभजनम्, भक्तः (से१४), विभक्तः, (लिनत). 1 भज्यम्, 2 विभज्यम् (विमा 4211), भाग्यम् (11), भागः (4in), विभागः (ला), भक्तम् = भत्तं = मातुं = मात (माइका न्योपा), भागी (इन् + लाग पान्), भगः (माय). भन, (अ) उ. 10. विश्राणने. विश्राणनं विषचनम्. राध, 54qg, 51. भाजयति - ते 541. भाजः (पाई), भाजनम् (पात्र), भाजी (संघली ला 7), भाजा (सीमा). भन, (इ) उ. 10. भाषणे भासने च. 1 पोल, 2 5. भंजयति - ते ___ मोलछे इ०. भंज, (ओ) प. 7. आमर्दने. लाग, भोर, सोर, सू. भक्ति वृक्षं गजः हाथी पक्षने मागेछ भनक्ति = भंजह = MiR = लागे. भमः = भग्गो For Private And Personal Use Only