SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 160
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahlah Aradhana Kendra www.kobafirth.org Acharya Shri Kailas Gyanmandir श्रीदे० चैत्यश्रीधर्म संघाचारविधौ अंगादिपूजात्रय HIHARIHITHAKTI Family | नायगसेवगबुद्धी न होइ एएसु जाणगजणस्स । पिच्छंतस्स समाणं परिवार पाडिहेराई ।।७।। (१०) ववहारो पुण पडम पइडिओ मूलनायगो एसो । अवणिजइ सेसाणं नायगभावो न उण तेणं ||८ (५१) वंदणपूयणबलिढोयणेसु एगस्स कीरमाणेसु आसायणा न दिट्ठा उचियपवित्तस्स पुरिसस्स ।।९।। (५२) जह मिम्मयपडिमाणं पूया पुप्फाइएहिं खलु उचिया। कणगाइनिम्मियाणं उचियतमा मज्जणाईवि ॥१०॥ (५४) अविय-कल्लाणगाइकज्जा एगस्स विसेसपूअकरणेवि । नावनापरिणामो जह धम्मिजणस्स सेसेसु ॥११॥ (५३) उचियपवित्तिं एवं जहा कुणंतस्स होइ नावना । तह मूलविंबपूआविसेसकरणेऽवि नन्नत्थ ॥ १२॥ (भा.५५) किंच-जिणभवणबिंबपूआ कीरति जिणाण नो कए किन्तु । सुहभावणानिमित्तं बुहाण इयराण बोहत्थं ॥१२॥ (१४२) जओ-चेइयहरेण केई पसंतरूवेण केइ बिंबेण । पूआइसयाकेई अन्ने बुझंति उवएसा ॥१४॥ (१४३)इति पुष्पाचैःप्रथमा अंगपूजा। अथ द्वितीया अग्रपूजा भाव्यते-सा च प्रधानाहारेण आमिषापरपर्यायेण, यद्गौडः-उत्कोचे पलले न स्वी, आमिषं भोज्यवस्तुनि' । तेनाशनादिना चतुर्विधेन भवति, तथाहि-इह होइ असणपूया वरखज्जगमोयगाइभक्खेहि १ । दुद्धदहिपाणियाइभायणेहिं २ तह ओयणाईहिं३ ॥१॥ अत्र निशीथचूर्णिः 'संप्रति राजा रहग्गओ य विविहफलखजगभुज्जगेय कवडगवत्थमाई उक्किरणे करेइ' । अन्यत्रोक्तं-"नाणाफलेहिं व थएहि निचं"२ तथा वसुदेवहिंडौ मृगब्राह्मणप्रस्तावे "कयाइ य देवकजे सज्जियं भोयणं,साहवो उवागया,तिण्हवि जणाण समवाओ पडिलामेमो"त्ति, कल्पे तु-'साहम्मिओ न सत्था तस्स कयं तेण कप्पइ जईणं । जं पुण पडिमाण कए तस्स कहा का अजीवत्ता? ॥१॥ संवट्टिमेहपुप्फा सत्थनिमित्तं कया जइ जईणं । न हुलब्भइ पडिसेहं किं पुण पडिमट्टमारद्धं ॥२॥" तृतीयखण्डे तु हरिकूटपर्वतप्रस्तावे-"विविहभक्खपाणगपडिपुना निवेइया विचित्ता ब madamad ANIDHHUTRINHINDE H IMNEHAATINATAND DILumbini A RIHARINGUPTA ॥६३॥ For Private And Personal
SR No.020306
Book TitleDevvandanbhashyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendrasuri, Dharmkirtisuri
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1938
Total Pages560
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy