________________
ShriM
h
www.kobatirth.org
Gyanmandir
श्रीदे. चैत्यश्रीधर्म संघाचारविधी
MEDIAnsan S
श्रीविजय
MISIIMSHINA
IIIMa
नृपकथा
mami
Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailah नाणं जं अवभिचारि न अनत्थ ॥५०।। अट्ठविहंपि निमित्तं नरिंद! जाणामि अविप्तहं एयं । लाभारलाभ२ सुहा३ सुह४ जीवियरमरणद जय विजयत्ति८ ॥५१॥ लक्खण१ दिव्वुप्पायं३ तलिक्ख४ भोमं५ ग६ वंजण सरं च८ । पउम१ रुयणु२ क३ तडि४- कंप५ फुरणतिलग७ सऊणाई८ तयं ।।५२।। संपत्तजुवणोऽहं विहरंतो अभया गओ नयरे। पउमिणिसंडंमि हिरण्णलोमिया पिउसिया तत्थ ॥५३॥ तीइ सुया चंदजसा पुचि दिना उ सा मह तयं च । दळुरागाउ मए चइऊण वयं परिणयाऽऽसी ॥५४॥ संपइ सकञ्जसिद्धिं नाउ निमित्तेण इममणत्थं च । इह आगओ नरेसर! जं जुत्तं तं करिज लहुं ॥५५॥ अह मंतिजणे तक्खणनिवरक्खणआउले भणइ एगो। ठाउ पहू सत्ताहं महन्नवे नावमारुहिउं॥५६॥ विइओ भणइ न एअं रुचड़ मे तत्थ जं पडंति तया। को वारिही? वियद्दे ता गंतुं चिट्ठउ गुहाए ॥५७।। जेण इमाए ओसप्पिणीह सुम्मइ कयाइ नहु तत्थ । विज्जुनिवाओ नागिंददिनविजाणुभावाओ ।। ५८ ।। तइओ भणइ इमंपिहु जंकिंचि जओ अवस्सभावी जो। अत्थो जत्थ व तत्थ व न अन्नहा होइ इह नायं ॥५९॥ इह भरहे विजयपुरंमि रुहसोमो दिओ पिया तस्स । जलणसिहा ओवाइयसयजाओ नंदणो उ सिही ।।६०॥ | तत्थऽनया निसियरो अइकूरो कोवि आगओ सो उ। बहुमाणुसाणि हणिउं थोवं भुंजइ चयइ बहुअं॥६१। भणिओ निवेण सामेण सो मुहा कि बहुं दणसि मणुए। सीहाइणोऽवि पसुणो हणंति छुहिआजमेगजिअं॥६२।। तुहविकिकं दाहं माणुसमणिसंति सोऽवि मन्नइ तं । कारद निवोऽवि नयरे पइदिह नरनामगोलाई ॥६३।। कुमरिकरेणं गोलो कड्ढिजतो उ निस्सरइ जस्स । जाइ स पुररक्खत्थं भक्खत्थं रावसस्स तओ।६४॥ निस्सरिओ गोलो सिहिदिअस्म तस्सऽग्नया य तन्नाउं । हा वच्छ! तुह विणा कह होहमहं ? रुअइ तम्माया ॥६५।। अह तम्गिहमासन्ने एग भूयगिहमत्थि सुमहंतं । तं मवणदुस्सवं तीइ रोइ सुणिय ते भूया ॥६६॥
- Salmanline
GANIPRITHILABILITARA
९॥
For Private And Personal