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( ०४) नमोऽहत्सि०, उवसग्गहरं' हाथ जोड कर 'जयवीयरायः' कहना । एक खमासमण देकर इच्छाकारेण सामायिक पारवा मुहपत्ति पडिलेडं ? इच्छं। कह कर मुहपत्ति की पडिलेहन करके इच्छामि खमा०, इच्छाकारेण० सामायिक पारुं ? यथाशक्ति, इच्छामि खमा० इछाकारेण सामायिक पायें ? तहत्ति' कह कर सामायिक पारने की विधि से सामायिक पार कर स्थापनाचार्य के सामने सबला जिमना हाथ रख कर एक नवकार गिनना, इति ।
६२. राइ प्रतिक्रमणविधि। पहले लिखी विधि प्रमाणे द्वादशावर्त वन्दन से गुरु वन्दन करके सामायिक लेना । फिर एक खमासमण देकर 'इच्छाकारेण कुसुमिण दुसुमिण उड्डावणी राइअपायच्छित्तविसोहणत्थं काउस्सग्ग करूं ? इच्छं, कुसुमिण दुसुमिण उड्डावणी राइअपायच्छित्तविसोहणत्थं करेमि काउस्सग्गं अन्नत्थ' कह कर काम भोगादि के स्वप्न आये हो तो सागरवरगंभीरा तक और दूसरे कुस्वप्न आये हों तो 'चंदेमु निम्मलयरा' तक चार लोगस्स का या सोलह नवकार का काउस्सग्ग कर, पार कर 'लोगस्स' कहना । फिर एक खमासमण देकर 'इच्छाकारेण० चैत्यवन्दन करूं ? इच्छं' कह कर 'जगचिं
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