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( ८४ )
एमाइ महासत्ता -- इत्यादि और भी महासत्वशील दिंतु सुहं गुणगणेहिं संजुत्ता । -- ज्ञानादिगुण संपन्न महापुरुष हो गये हैं वे सब हमको सुखसंपत्ति देवें,
जेसिं नामग्गहणे -- जिन महापुरुषों के नाम लेने मात्र से पावपबंधा विलय जंति । पापकर्म के बन्धों का समूल नाश हो जाता है ॥ ७ ॥
सुलसा चंदणबाला - मुलसाश्राविका, चन्दनबालाजी, मणोरमा मयणरेहा दमयंती । -- मनोरमा, मदनरेखा, दमयन्ती, नमयासुंदरी सीया - नर्मदासुन्दरी, सीताजी,
नंदा भद्दा सुभद्दा य । नन्दाजी, भद्राजी और सुभद्राजी ॥ ८ ॥
राइमई रिसिदत्ता - - राजीमती, ऋषिदत्ता,
पउमावइ अंजणा सिरीदेवी । -- पद्मावती, अंजनाजी, श्रीदेवी,
जिड सुजिट्ट मिगावइ-- ज्येष्ठा, सुज्येष्ठा, मृगावती, पभावई चिल्लणादेवी । - प्रभावती, चेलनादेवी ॥ ९ ॥ बंभी सुंदरी रुप्पिणी -- ब्राह्मी, सुंदरी, रुक्मिणी,
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