________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अग.. ॥श्लोक // सात्यकिधर्मपुत्रश्चप्रद्युम्नोसहदेवकःनकुलोकतवर्माचअक्रूराद्रूपदंप्रति 47 // // 3 // टिका. ए प्रकारे धर्मराजाने सात्यकी, प्रद्युम्न ने सहदेव, नकुळ ने कृतवर्मा | 11 अक्रूर ने द्रुपद राजा परस्पर संग्राम वर्तेछे, ॥श्लोक। पदातिनोपदातिश्चरथारोहारथान्प्रति // अश्ववाराअश्ववारान्अन्यो न्यमभिजघ्नतुः॥४॥टिका. पगे हीडनारा, पगे हीडनारा साथे, रथमां बेठेला रथ | वाळा साथे, गज अश्वे सहीत तेतो गज अश्वारोहि साथे, एम अन्योन्य श्रेक बीजा ने बाणक्षेपण करेछे. 4 श्लोक॥ रश्नीनांवासुदेवोपिपश्यतिरथमास्थितः // पांडवानामर्जुनश्चनकरोति रणंप्रभो॥५॥ टिका- हवे यादवोमां एक वासुदेव अने पांडवोमा एक अर्जुन तेतो रथमां बेठा थका जोयां करेछे, कोइ साथेलढता नथी, 5 श्लोक॥ कौरवाश्चप्रपश्यंतिएकस्थान्यव्यवस्थिताः आकाशेदेवताःसर्वेकोश्नरो हाःपुरस्त्रिय॥६॥ एक स्थलने विशे रह्या एवा जे कौरवो ततो युद्ध जोयां करेछे ,अने स्वर्ग थकी देवगणो पण जोयां करेछे. ॥श्लोक॥प्रोवाचरुक्मणीपुत्रोसहदेवंवचःशृणु॥ कुरुरणंमयासाकंपशत्वंममपौरु |पं॥७॥ टिका- एटलामां युद्ध करतां करतां रुक्मणीनो पुत्र प्रद्युम्न बोली उठेछे के, 47 For Private and Personal Use Only