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झाँई और नीलिका वगैरकी चिकित्सा। ५५१ (१६) चौलाईकी जड़ और डाली लाकर जला लो । इस राखको पानी में पीसकर झाँई पर मलो और आध घण्टे तक धूपमें बैठो। जब लेप सूख जाय, उसे गरम पानीसे धो डालो । इसके बाद लाहौरी नमक पीसकर मुखपर मलो। इन उपायोंसे झाँई या काले दारा नष्ट हो जायँगे।
(१७) तुलसीकी सूखी पत्तियाँ पानीमें पीसकर मुखपर मलनेसे काले दाग नष्ट हो जाते हैं ।
(१८) कलमी शोरा और हरताल चार-चार माशे लाकर पीस लो। फिर उस चूर्णके तीन भाग कर लो । एक भागको पानीमें पीसकर मुखपर मलो । आध घण्टे तक धूप में बैठो और फिर गरम जलसे धो लो । दूसरे दिन फिर इसी तरह करो। तीन दिनमें झाँई या दागोंका नाम भी न रहेगा।
(१६) करञ्जवेकी गिरी गायके दूधमें पीसकर लेप करो, इससे चेहरा बुकि चमकीला हो जायगा ।
(२०) नीमके बीज सिरके में पीसकर मलनेसे झाँई नाश हो जाती है।
(२१) अंजरूत १ तोले और सफेद कत्था ६ माशे-दोनोंको गायके ताजा दूधमें पीसकर, दिनमें कई बार मलनेसे झाँई खूब जल्दी आराम हो जाती है।
(२२ ) कबूतरकी बीट पानीमें पीसकर, हर रोज़, दिन में कई बार मलनेसे झाँई नष्ट हो जाती है ।
( २३ ) मसूरकी दाल नीबूके रसमें पीसकर लगानेसे झाँई नाश हो जाती है। ... (२४) हल्दी और काले तिल भैसके दूधमें पीसकर लगानेसे छीप नष्ट हो जाती है।
(२५) चीनियाके फूल, छाल और पत्ते-पानीमें पीसकर लगानेसे छीप नाश हो जाती है।
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