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चिकित्सा-चन्द्रोदय ।
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दूध शुद्ध करनेका उपाय। (१) अगर दूध वायुसे दूषित हो, तो माता या धायको तीन दिन तक दशमूलका काढ़ा पिलाओ।
(२) अगर दूध पित्तसे दूषित हो, तो माँको गिलोय, शतावर, परवलके पत्ते, नीमके पत्ते, लाल चन्दन और अनन्तमूलका काढ़ा मिश्री मिलाकर पिलाओ।
(३) अगर दूध कफसे दूषित हो, तो माँको त्रिफला, मोथा, चिरायता, कुटकी, बमनेटी, देवदारु, बच और अकुवनका काढ़ा पिलाओ।
नोट-दो दोष और तीन दोषोंसे दूषित दूध हो, तो दो या तीन दोषोंकी दवाएं मिलाकर काढ़ा बनानो और पिलाओ ।
(४) परवलके पत्ते, नीमके पत्ते, विजयसार, देवदारु, पाठा, मरोड़फली, गिलोय, कुटकी और सोंठ-इनका काढ़ा पिलानेसे किसी भी दोषसे दूषित दूध शुद्ध हो जाता है ।
दूध बढ़ानेवाले नुसखे । (१) सफेद जीरा और साँठी चाँवल, दूधमें पकाकर, कुछ दिन पीनेसे स्तनोंमें दूध बढ़ जाता है । परीक्षित है।
दूध कम होनेके कारण। स्तनोंमें दूध कम पानेके मुख्य ये कारण हैं:(१) स्त्रीकी कमज़ोरी। (२) स्त्रीको ठीक भोजन न मिलना ।
नोट-अगर स्त्री कमज़ोर हो, तो उसे ताक़त बढ़ाने वाली दवा और पुष्टिकारक भोजन दो।
(२) सफेद जीरा, नानख्वाह और नमक-सङ्ग--इनको बराबरबराबर लेकर और महीन पीस-छानकर, दहीमें मिलाकर खानेसे स्तनोंमें दूध बढ़ता है।
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