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चिकित्सा-चन्द्रोदय ।
Amma
जब विष पक्काशयमें पहुँच जाता है, तब पक्वाशयमें पीड़ा होती है, आँतें बोलती हैं, हिचकियाँ चलती हैं और खाँसी आती है। मतलब यह है, कि पहले तोन वेगोंके समय विष 'आमाशय में और पिछले चारों-चौथेसे सातवें तकवेगोंमें 'पक्वाशय में रहता है।
(४) चौथे वेगमें,-सिर बहुत भारी होकर झुक जाता है।
(५) पाँचवें वेगमें,-मुँहसे कफ गिरने लगता है, शरीरका रंग बिगड़ जाता है और सन्धियों या जोड़ोंमें फूटनी-सी होती है। इस वेगमें वात, पित्त, कफ और रक्त-चारों दोष कुपित हो जाते हैं और पक्काशयमें दर्द होता है।
(६) छठे वेगमें,-बुद्धिका नाश हो जाता है, किसी तरहका होश या ज्ञान नहीं रहता और दस्त-पर-दस्त होते हैं ।
(७) सातवें वेगमें,--पीठ, कमर और कन्धे टूट जाते हैं तथा साँस रुक जाता है।
आजकल भारतकी सभी भाषाओं में बङ्गला भाषा सबसे बढ़ीचढ़ी है। उसका साहित्य सब तरहसे भरा-पूरा है। अतः सभी विद्वान् या विद्या-व्यसनी बङ्गला पढ़ना चाहते हैं। उन्होंके लिये हमने "बँगला-हिन्दी-शिक्षा" नामक ग्रन्थके तीन भाग निकाले हैं। इनसे हजारों आदमी बङ्गला भाषा सीख-सीखकर बङ्गला-ग्रन्थ पढ़ने-समझने लगे। अनेक लोग बङ्गला-ग्रन्थोंका अनुवाद कर-करके, सैकड़ों रुपया माहवारी पैदा करने लगे। इस ग्रन्थमें यह खूबी है, कि यह बिना उस्तादके तीन-चार महीनेमें बङ्गला सिखा देता है। तीन भाग हैं, पहलेका दाम १), दूसरेका १) और तीसरेका १) है। तीनों एक साथ लेनेसे डाकखर्च माक।
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