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स्त्री-रोगोंकी चिकित्सा ।
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प्रदर रोगका बयान ।
प्रदर रोगके निदान-कारण । OR भी जानते हैं, कि स्त्रियोंको हर महीने रजोधर्म होता है। शाह । जब स्त्रियोंको रजोधर्म होता है; तब उनकी योनिसे एक
80 प्रकारका खून चार या पाँच दिनों तक बहता रहता और फिर बन्द हो जाता है । इसके बाद यदि उन्हें गर्भ नहीं रहता अथवा उनको रजोधर्म बन्द हो जानेका रोग नहीं हो जाता, तो वह फिर दूसरे महीनेमें रजस्वला होती हैं और उनकी योनिसे फिर चार-पाँच दिनों तक आर्तव या खून बहता है। यह रजोधर्म होना,- कोई रोग नहीं, पर स्त्रियोंके आरोग्यकी निशानी है। जिस स्त्रीको नियत समयपर ठीक रजोधर्म होता है, वह सदा हृष्ट-पुष्ट और तन्दुरुस्त रहती है। मतलब यह, इस समय योनिसे खून बहना,-रोग नहीं समझा जाता। हाँ, अगर चार-पाँच दिनसे जियादा, बराबर खून गिरता रहता है, तो औरत कमजोर हो जाती है एवं और भी अनेक रोग हो जाते हैं। इसका इलाज किया जाता है। मतलब यह कि, जब नाना प्रकारके मिथ्या आहार-विहारोंसे स्त्रियोंकी योनिसे खून या अनेक रंगके रक्त बहा करते हैं, तब कहते हैं, कि स्त्रीको “प्रदर सेम" हो गया है।
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