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चिकित्सा-चन्द्रोदय । हुआ दवाका पानी पीलो । इस नुसनेसे पागल कुत्तेका काटा निश्चय ही आराम हो जाता है। . (३०) “तिब्बे अकबरी"में लिखा है, कुत्तेके काटे स्थानपर सिरका मलो या ऊनको सिरकेमें भिगोकर रखो। अगर सिरके में थोड़ासा गुले-रोगन भी मिला दो तो और भी अच्छा । ___ ( ३१ ) कुत्तेके काटे स्थानपर थोड़ा-खा पपड़िया नोन सिरकेंमें मिलाकर बाँध दो और हर तीसरे दिन उसे बदलते रहो।
(३२) प्याज़, नमक, शहद, पपड़िया नोन और सिरका- इनको मिलाकर लगानेसे कुत्तेका काटा आराम हो जाता है।
(३३) नमक, प्याज, तुतली, बाकला, कड़वा बादाम और साफ़ शहद-इनको मिलाकर कुत्तेके काटे स्थानपर लगानेसे आराम होता है।
(३४) धतूरेके शोधे हुए बीज इस तरह खाय--पहले दिन १, दूसरे दिन २, तीसरे दिन ३--इस तरह २१ दिन तक रोज़ एक-एक बीज बढ़ाया जाय । फिर २१ बीज खाकर, रोज एक-एक बीज घटाकर खाय और १ पर आ जाय । इस तरह धतूरके बीज बढ़ा-घटाकर खानेसे कुत्तेका विष निश्चय ही नष्ट हो जाता है; पर बीजोंको शास्त्र-विधिसे शोधे बिना न खाना चाहिये ।
नोट-धतूरेके बीजोंको १२ घण्टे तक गो-मूत्रमें भिगो रखो, फिर निकालकर सुखा लो और उनकी भूसी दूर कर दो। बस, इस तरह वे शुद्ध हो जायँगे ।
जौकके विषकी चिकित्सा ।
वर्णन । KORAK के निर्विष और विषैली दोनों तरहकी होती हैं। निर्विष
जो जौंकें खून बिगड़ जानेपर शरीरपर लगाई जाती हैं। ये REE मैला या गन्दा खून पीकर मोटी हो जाती और फिर गिर पड़ती हैं । जौंकोंका धन्धा करनेवालोंको जहरी जौंकें न पालनी
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