________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३२०
चिकित्सा-चन्द्रोदय। (१२) जलबेंतकी जड़ और पत्त तथा कूट-इन दोनोंको जलमें पका और शीतल करके पीनेसे कुत्तेका विष दूर हो जाता है । परीक्षित है।
(१३) जलबेंतके पत्ते और उसीकी जड़को कूट लो । फिर उन्हें पानीमें डालकर काढ़ा कर लो । इस काढेको छानकर और शीतल करके पीनेसे कुत्ते का विष नष्ट हो जाता है । परीक्षित है।
(१४) जंगली कड़वी तोरई के काढ़ेमें घी मिलाकर पीनेसे वमन होती और विष उतर जाता है । परीक्षित है।
नोट-यह नुसखा, कुरोके विषों आदि अनेक तरहके विषोंपर चलता है। सभीतरहके विषोंमें वमन कराना सर्वश्रेष्ठ उपाय है और इस दवासे वमन होकर विष निकल जाता है।
(१५) "तिब्बे अकबरी" में लिखा है, जो कुत्ता काटे उसीका थोड़ा-सा खून निकालकर, पानीमें मिलाकर, कुत्ते के काटे आदमीको पिलाओ । इसके पीनेसे बावले कुत्ते का विष असर न करेगा। _____ नोट--यह उसी तरहका नुसखा है, जिस तरह हमारे आयुर्वेदमें जो साँप काटे, उसीके काटने की सलाह दी गई है। काटनेसे साँपका खून रोगीके पेटमें जाता है और उसके विषको चढ़ने नहीं देता।
(१६) कुत्ते के काटे स्थानपर, कुवला आदमीके पेशाबमें औटाकर और फिर पीसकर लेप करनेसे बड़ा लाभ होता है। ___नोट-साथ ही कुचलेको शराबमें श्रौटाकर, उसकी छाल उतार फैंको। फिर उसमेंसे एक रत्तो रोज़ कुत्ते के काटे प्रादमीको खिलायो । अथवा कुचलेको पानीमें श्रौटाकर और थोड़ा गुड़ मिलाकर रोगोको खिलायो । कुचलेकी मात्रा ज़ियादा न होने पावे । बावले कुत्तेके काटनेपर कुचला सर्वोत्तम दवा है । कई बार परीक्षा की है।
(१७) जो कुत्ता काटे, उसीकी जीभको काटकर जला लो । फिर उसकी राखको काटे हुए घावपर छिड़को । इस उपायसे जहर असर नहीं करेगा और कुत्तेका काटा घाव भर जायगा।
(१८) तलैना नामक दवाको डिब्बीमें रखकर बन्द करदो और
For Private and Personal Use Only