________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३१७
-
बावले कुत्ते के काटेकी चिकित्सा। (४) कुकुरबेल नामकी वनस्पति पिलानेसे खूब दस्त और क़य होते और विषैले जन्तु मरकर निकल जाते हैं।
कुत्ते के काटनेपर नीचेके लेप उत्तम हैं:(१) लहसनको सिरके में पीसकर घावपर लेप करो। (२) प्याजका रस शहद में मिलाकर लेप करो। (३) कुचला आदमीके मूत्रमें पीसकर लगाओ। (४) कुचला शराबमें पीसकर लगाओ।
(५) शुद्ध कुचला, शुद्ध तेलिया विष और शुद्ध चौकिया सुहागा-इन्हें समान-समान लेकर पीस लो और रख दो। इसमेंसे रत्ती-रत्ती-भर दवा खिलानेसे, बावले कुत्तेका काटा, २१ दिनमें, ईश्वर-कृपासे आराम हो जाता है।
(६) ल्हिसौड़ेके पत्ते १ तोले और कालीमिर्च १ माशे-आध पाव जलमें घोटकर ६ या १५ दिन पीनेसे कुत्तेका काटा आदमी आराम हो जाता है।
(७) दोनों जीरे और कालीमिर्च पीसकर १ महीने तक पीनेसे कुत्तेका विष शान्त हो जाता है। .
(८) अगर कुत्तेके काटनेसे शरीरपर कोढ़के-से चकच हो जाय, तो आमलासार गंधक ६ माशे, नीलाथोथा ६ माशे और जमालगोटा ६ माशे-तीनोंको पीस-छानकर घीमें मिला दो। फिर उस घीको ताम्बेके बर्तनमें रखकर, १०१ बार धोओ। इस घीको शरीरमें लगाकर ३ घण्टे तक आग तापो। अगर तापनेसे सारे शरीरपर बाजरेके-से दाने हो जाय, तो दूसरे दिन गोबर मलकर नहा डालो। बस, सब शिकायतें रफा हो जायेंगी।
नोट-इस घीको आँखों और गलेपर मत लगाना। मतलब यह कि, इसे गलेसे ऊपर मत लगाना ।
For Private and Personal Use Only