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बावले कुत्ते के काटेकी चिकित्सा ।
३०७ ज्वर होता है तथा काटे हुए स्थानपर हर समय दर्द होता रहता है क्योंकि छिपकलीके दाँत वहीं रह जाते हैं। हिकमतमें छिपकलीके काटनेपर नीचे लिखे उपाय लिखे हैं:
(१) काटी हुई जगहमेंसे छिपकलीके दाँत निकालनेके लिये उस जगह तेल और राख मलो।
(२) पहले काटी हुई जगहपर रेशम मलो, फिर वहाँ तेलमें मिलाकर राख रख दो।
(३) उपरोक्त उपायोंसे पीड़ा न मिटे, तो मुंहसे चूसकर जहर निकाल दो । फिर भूसीको पानीमें औटाकर उस जगह ढालो।। ___ (४) थोड़ा-सा रेशम एक छुरीपर लपेट लो। फिर उस छुरीको काटे हुए स्थानपर रखकर, चारों तरफ़ खींचो। इस तरह छिपकलीके दाँत रेशममें इलझकर निकल आवेंगे और पीड़ा शान्त हो जायगी।
(५) ऊनके टुकड़ोंको ईसबगोल और बबूलके गोंदके लुआबमें भिगोकर, काटे हुए स्थानपर कुछ देर तक रखो। फिर एक साथ जोरसे उसके टुकड़ेको उठा लो। इस तरह छिपकलीके दाँत काटे हुए स्थानसे बाहर निकल आवेंगे।
नोट-ऊपरके पाँचों उपाय छिपकलीके दाँत घावसे बाहर करने के हैं । दाँत निकल आते ही ज्वर जाता रहेगा, और उस जगहका नीलापन और पीप बहना भी बन्द हो जायगा। FEMINARRAIMER
श्वान-विष-चिकित्सा।
__ बावले कुत्तेके लक्षण । ACHER% श्रत" में लिखा है, जब कुत्ते और स्यार प्रभुति चौपाये सु जानवर उन्मत्त या पागल हो जाते हैं, तब उनकी दुम
* सीधी हो जाती है, तथा जाबड़े और कन्धे या तो ढीले
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