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चिकित्सा चन्द्रोदय । _. बर्र और ततैये तथा भौंरे वगैरः कई तरहके होते हैं। कोई काले, कोई नारङ्गी, कोई पीले और कोई ऊदे होते हैं। इनमेंसे पीले ततैये कुछ छोटे और कम जहरी होते हैं। परन्तु काले और अदे बहुत तेज़ ज़हरवाले होते हैं । इनके काटनेसे सूजन चढ़ आती है, जलनः बहुत होती है और दर्दके मारे चैन नहीं पड़ता; पर तेज़ ज़हरवालेके. काटनेसे सारे शरीरमें ददोरे हो जाते हैं और ज्वर भी चढ़ आता है।
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HD बरोंके भगानेके उपाय | HD
(१) गन्धक और लहसनकी धूआँसे बर्र भाग जाती हैं ।
(२) खतमीका रस या खुब्बाजीका पानी और जैतून के तेलको शरीरपर मल लेनेसे बरं नहीं आती।
बर-विष नाशक नुस।
(१) पीपर जलके साथ पीसकर, बर्रके काटे-स्थानपर लेप करनेसे फौरन आराम हो जाता है।
(२) घी, सेंधानोन और तुलसीके पत्तोंका रस-इन तीनोंको एकत्र मिलाकर, बर्रके काटे स्थानपर, लेप करनेसे तत्काल शान्ति आती है । परीक्षित है। - (३) कालीमिर्च, सोंठ, सेंधानोन और संचर नोन-इन चारोंको नागर पानके रसमें घोटकर, बरकी काटी हुई जगहमर लेप करनेसे फौरन आराम होता है। परीक्षित है।
(४) ईसबगोलको सिरकेमें मिलाकर और लुआब निकालकर पीनेसे बर्रका विष उतर जाता है। ... - (५) हथेली-भर धनिया खानेसे बर्रका जहर उतर जाता है। कोई-कोई ३ मुट्ठी लिखते हैं।
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