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चिकित्सा-चन्द्रोदय । कुछ दिन लगातार सेवन करावें, अवश्य और जल्दी लाभ होगा। परीक्षित है। ___ नोट--अगर किसोको सोज़ाक हो, तो आप रातके समय सोते वक्त इस नुसख को रोगीको रोज़ दें। इससे पेशाब साफ़ होता है, घाव मिटता है, स्वप्नदोष नहीं होता और लिङ्गमें तेज़ी भी नहीं आती । सोज़ाक रोगमें रातको अक्सर स्वमदोष होता है या लिंगेन्द्रिय खड़ी हो जाती है, उससे दिन-भरमें श्राराम हुश्रा घाव फिर फट जाता है। इस नुसख से ये उपद्रव भी नहीं होते और सोज़ाक भी आराम होता है; पर दिनमें और दवा देनी ज़रूरी है; यह तो रातको दवा है । अगर दिनके लिये कोई दवा न हो, तो आप शीतल मिर्च १॥ माशे, कलमी शोरा ६ रत्ती और सनायका चूर्ण ६ रत्ती--तीनोंको मिलाकर फंकायो
और ऊपरसे औटाया हुअा जल शीतल करके पिलायो। अगर इससे फ़ायदा तो हो, पर पूरा भाराम होता न दीखे, तो चिकित्सा-चन्द्रोदय तीसरे भागमेंसे और कोई अाज़मूदा नुसखा दिनमें सेवन करायो ।
(४३) शुद्ध अफीम ८ तोले, अकरकरा २ तोले, सोंठ २ तोले, नागकेशर २ तोले, शीतल मिर्च २ तोले, छोटी पीपर २ तोले, लौंग २ तोले, जायफल २ तोले और लाल चन्दन २ तोले,--अफीमके सिवा और सब दवाओंको कूट-पीसकर छान लो, अफीमको भी मिलाकर एक-दिल कर लो । इसके बाद २४ तोले यानी सब दवाओंके वजनके बराबर साफ़ चीनी भी मिला दो और रख दो। इस चूर्णमेसे
३ से ६ रत्ती तक चूर्ण खाकर, ऊपरसे गरम दूध मिश्री मिला हुआ • पीओ। इस चूर्णके कुछ दिन लगातार खानेसे गई शक्ति फिर लौट
आती है। नामर्दी नाश करके पुरुषत्व लानेमें यह चूर्ण परमोपयोगी है। परीक्षित है।
नोट-अगर अफीम चूर्णमें न मिले, तो अफीमको पानीमें घोलकर चीनीमें मिला दो और श्रागपर रखकर जमने लायक गाढ़ी चाशनी कर लो और थालीमें जमा दो। जम जानेपर चाशनीको थालीसे निकालकर महीन पीस लो और दवाओंके चूर्णमें मिला दो । चाशनी पतली मत रखना, नहीं तो बूरा-सा न होगा । खूब कड़ी चाशनी करनेसे अफीम जमकर पिस जायगी।
(४४) काफी, चाय, सोंठ, मिर्च, पीपर, कोको, खानेका पीला रंग,
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