________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२५) चालवे, मधुरी वाणी त्रिभुवन मोहे । सिद्धारथ कूल अवतरया, त्रिशला देवी जननी सेहे ॥ चरणें मेरु चलाविओ, समरथ लंछन सिंह ॥ महावीर जिन नित नमुं, यह उगमते दह ॥१॥ इति ।।
श्री चोवीश तीर्थकरनुं चैत्यवंदन. ॥ श्री शंखेश्वर ईश्वर, प्रणमी त्रिकरणयोग ॥ देवनमन चउ. मासीये, करशुं विधि संयोग ।। १॥ रोषभाजित संभव तथा, अभिनंदन जिनचंद ।। सुमति पद्म प्रभु सातमा, स्वामीसुपास जिणंद ॥ २॥ चंद्र प्रभु मृविधिजिन, श्री शीतलश्रेयांस ॥ वासुपूज्य विल तथा, अत धर्म वरवंश ॥ ३ ॥ शांतिकुंथु अर प्रभु, मल्ली सुत्रतस्वामी ।। नमो नेशीसर पासजिन, वर्द्धमान गुमधामि।।४.वर्तमान जिन वंदताए, चंद्या देव त्रिकाल ।। प्रभु शुभ गुण मुगता तणी, वीर रचे वरमाल ॥ ५ ॥ इति ॥
॥ बाजूं. ॥ ॥ रुपम अजित संभव नमो, अभिनंदन जिनराज । मुमती पदम सुपास जिन, चंद्रप्रभु महाराज ॥ १॥ सुनिधि शीतल श्रेयांस जिन, वासुपूज्य मुख वास । विमल अनंत श्रीधर्म जिन, शांतिनाथ पूरे आश ॥२॥ कुंथु अर मल्लि जिन, मुनीसुव्रत जगनाथ ।। नमी नेमी पारस वीर, ए साचो शिवपुर साथ ॥ ३ ॥ द्रव्य भा. वथी सेवीये, आणी मन उल्लाम।। आतम नोर्मल कीजीये, जिम
For Private And Personal Use Only