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Achar
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पार्श्वनाथनुं स्तवन. ॐ नमो पार्श्व प्रभु पंकजे, विश्व चिंतामणी रत्नरे ॥ ॐ ही धरणेंद्र पद्मावती, वैरुटया करो मुज यत्नरे ॥ ॐ नमो ॥१॥ ॐ नमो अबमोहे शांति तुष्टि महापुष्टि, ध्रतिकिर्ती कान्ती विद्याइरे ॥ ॐ ही अक्षर शब्दथी, आधी व्याधी सवी जायरे ॥ ॐ नमो ॥२॥ॐ असीया उसाय नमोनमः, तुंही त्रैलोक्यनो नाथरे ॥ चौसठ इंद्र टोळेमळी, सेवे जोडी प्रभुने हाथरे। ॐ नमो ॥३॥ ॐ ही श्री प्रभु पार्श्वजी, मुलना मंत्रनुं ए बीजरे ॥५॥ पार्श्वथी दुरीत दुरेटले, आवी मीले सवी चीजरे ॥ॐ नमो ॥४॥ॐ अजिता विज्यातथा अपराजीता, विजया जया देवीरे।।दश दीशी पालग्रही यक्षय, विद्यादेवी प्रसन्न होय सेवीरे॥ ॐ नमो॥५॥ गोडी प्रभु पार्श्व चिंतामणी, स्थंनणी अहीं छतो देवरे॥ जग वलभ जगमां तुं जागतो, अंतरीक्ष ऐवंती करूं सेवरे॥ॐ नमो॥६॥श्री संखेश्वर मंडणो, पार्श्वजीन प्राण तरु कल्परे ॥ वारजो दुष्टना वृंदने, सुजस सौभाग्य सुख कल्परे ॥ ॐ नमो पार्श्वप्रभु पंकजे ॥७॥
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