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Achar
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जडित मर्कत मणिमां दीसे लाल ॥ त्रिशलायें जुगतें आंजी अणियाली बेहु आंखडी, सुंदर कस्तूरीनुं टबकुं की, गाल ॥ माता०॥१०॥ कंचन शोले जातनां रत्ने जडियुं पालj, जुलावती वेला थाए बूधरनो घमकार ॥ त्रिशला विविध वचने हरखी गायें हाललं, खेंचे फूमतिआली कंचन दोरी सार ॥ माता० ॥ ११ ॥ मारो लामकवायो सरखा संगें रमवा जशे, मनोहर सुखडली आपिश एहने हाथ ॥ भोजन वेला रम झम रम झम करतो आवशे, हूं तो धाइने भीडावीश हृदया साथ ॥ माता०॥१॥ हंस कारंडव कोकिल पोपट पारेवडी, मांही बप्पैया ने सारस चकोर ॥ मेनां मोर मेल्या छे रमकडां रमवा तणां, घम घम घुघरा वजावे त्रिशला किशोर ॥ माता०. ॥ १३ ॥ मारोवीरकुमर निशाले भणवा जायशे, साथे सज्जन कुटुंब परिवार ॥ हाथी रथ घोडा पालायें भलु शोभतुं, करी निशालगरणुं अति मनोहार माता०॥१४॥ मारा वीर समाणी कन्या सारी लावरों, मारा कुमरने परणावीश मोहोटे घेर ॥ मारो लाडकडो वर राजा घोडे बेसशे,
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