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॥ ६ ॥ कुड करीने मुज छेतरीरे, कीधो ते मोटो अन्यायरे ॥ मारां नानकडां बिहुँ बालुडां रे, मिलसे केहने ध्यायरे ॥ फ० ॥७॥ अधवच देरासर रह्या रे, जगमा नाम रह्यं निरधाररे ॥ नगरमा वात घरघर विस्तरीरे, सहकोना दिलमां आव्यो खाररे ॥ फ० ॥ ॥ ८॥ द्वेष राखीने मेघो मारियोरे, ए तो काजल कपट-भंडार रे ॥ मननो मेलो धीठो एहवो रे, एम बोले छे नर नाररे ॥ ए॥ फि०॥
॥ ढाल ॥ १३ ॥ होवे साहि० ॥ ए देशी ॥ हो बेनि अग्निदाह देइ करी, सहुको आव्या निज ठाम हो ॥ हो बेनि काजल कहे तुं मत रुए, न कहें एहवां काम हो ॥ १० ॥ हो बेनि लेख लख्यो ते लाभीओ, दीजे कोणने दोष हो ॥ हो बेनि जन्म मरण हाथे नहीं. ते शुं राखवो रोष हो॥११॥ हो०॥ होवेनिए संसार डे कारमो, खोटी मायाजाल हो ॥ हो बेनि एक आवे ठालि भरी, जेहवी अरहट माल हो ॥१२॥ हो० ॥ हो बेनि सुख दुख सरज्यां पामीयें, नहि कोइने हाथ हो ॥ हो बेनि मकरे फिकर लगार तुं, बो
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