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Achar
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॥वी० ॥ २॥ तास परंपर पाटवीरे लोल, श्रीविजयसिंह सुरीसर ॥ सु०॥ सत्यविजय बुध तेहनारे लोल, कपुरविजय कवि शिष्यरे ॥सु०॥ वी० ॥ ३ ॥ क्षमाविजय गुरु तेहनारे लोल, श्रीजसविजय पन्यासरे ॥ ॥ सु० ॥ श्रीशुभविजय सुगुरु नमीरे लोल, सुरत रही चउमासरे ॥ सु० ॥ वी० ॥ ४॥ चंद्र मुनि वसु हिमकरुरे लोल, वरसे श्रावणमासरे ॥ सु० ॥ श्रीशुभवीरने शासनेरे लोल, होजो ज्ञानप्रकाशरे ॥ सु०॥ वी० ॥५॥
॥ कलश ॥ ए पंच ढाल रसाल भक्ति पंच ज्ञान आराधवा ॥ काम प्रमाद किरिया पंच छंमी, पंचमी गति साधवा ॥ नभ कृष्ण पंचमी स्तवन रचीओ, अक्षय निधिक कारणे ॥ शुभवीर ज्ञाने देवसुंदरी, नाचवा घरबारणे ॥१॥ इति अक्षय निधि तप स्तवन संपूर्ण॥
॥अथ श्री ऋषभदेवस्वामी स्तवन ॥ ॥ दुहा ॥ पुरिसा दाणी पासजी, बहु गुणमणि
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