________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
Anh
१४२
श्ण गणरे ॥ तीर्थकर नाम भेलतारे, बेंतालिस उदय परिमाणरे ॥ गुण०॥३॥ उरल थिर खगई दुगरे, प्रत्येक त्रिक छ संठाणरे ॥ अगुरुलघु वर्ण चारनोरे, निर्माण तेजस जाणी रे ॥४॥ कार्मण पेहेलो संघयणनोरे, दुसर सुसर जोयरे ॥ शाता अशाता एकनोरे, ए त्रीसनो अंत होय रे ॥५॥ एके उणी चालीसनीरे, उदीरणा अवदातरे ॥ पंच्यासी पयडी तणी रे, सत्ता जेह विख्यातरे ॥ ६ ॥ संप्रति पंच विदेहमारे, विचर वीस मुणिंदरे ॥ संयोगी ठाणे अलंकारे, सेवे सुरनर वृंदरे ॥७॥ दोय कोडी साधु केवलीरे, वंदन तेने त्रिकाल रे ॥ कपुरविजय गुरु नामथी, मणिविजय मंगल मालरे ॥८॥ इतिश्री सयोगी गुणस्थानक त्रयोदशम भास ॥ ॥ ढाल ॥ १६ ॥ नयरो अयोध्या संचर्या ए ॥ ए देशी ॥
॥अयोगी नाम चौदमुरे, गुणठाण श्रीकार ॥ कडं ए जिनवरुए, अ इ उ ऋ ल मान ज एहनुं ए, जेहथी शिव सुखसार ।। कह्यु० ॥१॥ बंध नहीं पयडी तणो ए, उदय तणो भाव जोय ॥ कह्यु०॥ सुभग आदेय यश वली ए, वेदनी त्रस त्रिक होय ॥क०॥
For Private And Personal Use Only