________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२६ जय भक्ते करी, श्री विजय धर्म सुरि राजेर ॥ वर्ड: मान जिन गाइआ; श्री अमीझरा प्रभु पासेरे ।उ०॥७॥
॥ कलश ।। पर्व तिथि आराधो, सुव्रत साधो, लाध्यो भव सफलो करो ।। संवेग संगी तत्त्वरंगी उ. तम विजय गुणाकरो ॥ तस शिष्यनामे सुगुण कामें, पद्मविजये आदर्यो, शुभ एह आदर भवि सहाधर नाम षट्पर्वी धर्यो ॥ इति षटपर्वी महिमागुणवर्णन स्तवन संपूर्ण ॥
॥ अथ श्री चौद गुणस्थानकनुं स्तवन ।। ॥श्री शंखेश्वरपुर धणीजी, प्रणमी पास जि. णंद ॥ नाम जपतां तेहनुंजी, आपे परमानंद ॥ भविक जन सांभलो एह विचार ॥ कर्म ग्रंथ मांहे कह्योजी, ए सघलो अधिकार ॥ भविक० ॥ १॥ ना. णावरणीय जाणीयेजी, बीजु दर्शनी होय ॥ त्रीजुं वेदनीय भाखीयुंजी, मोहनीय चो) जोय ।।भ०॥२॥ आयु कर्म वली पांचमुं जी, छटुं नाम विचार ॥ गोत्र कर्म ते सातमुं जी, आठमुं अंतराय ॥ भ० ॥३॥ मति श्रुत अवधि मन केवलुं जी. ज्ञानावरणीयरे
For Private And Personal Use Only