________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
॥ ढाळ ॥ १ ॥ प्रभु चित्त धरीने अवधारो मुजवात ॥ ए देशी ॥
आसो सुद पुनम दिनेजी, च्यविया नमि जिन राय ॥ वदी पांचम दिन केवलीजी, संभव जिनवर थाय ॥१॥भवि भाव धरीने गावो जिन कल्याणक ॥१॥ ए आंकणी ॥बे कल्याणक बारशे जी, नेमजी च्यवन प्रमाण ॥ पद्मप्रभु जिन जनमीयाजी, तेरशे दिक्षा मंडाण ॥ भवि० ॥ २॥ वीर अमावासे शिव गयाजी, हवे कार्तिक सुद जाण ॥ त्रीजे सुविधि केवलीजी, बारशे अर जिननाण ॥भवि० ॥३॥ कार्तिकवदी पांचम दिनेजी,सुविधि जन्म एम होय ॥ छटे व्रत सुविधि लीएजी, दसमे वीर व्रत जोय ॥ ॥जवि०॥४॥अगीयारस दिने शिव लह्याजी, जिन उत्तम महाराज ॥ पद्मप्रभुने प्रणमतांजी, लहीये अविचल राज ॥ भवि० ॥ ५ ॥
॥ ढाल || २ ।। प्रथम गोवाला तणे भवेजी ॥ ए देशी ॥ __ मागसर शुद दशमी दिनेजी, कल्याणक छेरे दोय ॥ अरजिन जन्मने शिव लडोजी, ते प्रणमो सहु कोयरे ॥ भविका ॥ प्रणमो श्री जिनचंद ॥ जस
For Private And Personal Use Only