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॥ श्रीमान, पूर्वाचार्यकृत ॥ (॥श्री चैत्यवंदन स्तुति स्तवनादि॥संग्रह)
चतुर्विध रांघने हमेश उपयोगमा लेवा निमित्ते तपगच्छना पुज्यपाद गुरुणीजी महाराजश्री श्री १००८ श्री गनश्रीजी
तेमनी शिष्या ।। मानश्रीजी, चतुरश्रीजी, वीरश्रीजीना सदुपदेशथी |) ।। मारवाड देशना शिरोहि इलाकाना जाताल, पाडीव, भुतगाम विगेरे गामोना.सद्ग्रहस्थों अने सुश्राविकाओनी तरफथी
मलेल द्रव्य सहायवहे छपावी प्रसिद्ध करनार-खंभातनिवासी मास्तर उमेदचंद रायचंद
पांजरापोल--अमदावाद
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ANALESARIRELATEael
आवृत्ति त्रीजी-प्रत १००० संवत १९८९-वीर संवत २४५९-सने १९१२
किंमत बार आना आ पुस्तकनी आवक ज्ञान खातामां वपराय छे.
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मुद्रक-मुळचंदभाइ त्रिकमलाल पटेल सूर्यप्रकाश प्रीन्टींग प्रेस
पानकोर नाका-अमदावाद
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