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जीव कहा य । चेतन त्रस थावर वेदे गई सूखम वादर ए दो जिय गए । सन्नि चौरिंदी आण ॥ २ ॥ ए सग पत्ता पत्ता चवदे होय । अनुक्रम जीवठाण ए सूत्र प्ररूप्यासोय । नापंसण चारित वीरज तप तिम उवयोग । ए षलक्षण लक्षित जीव द्रव्य इह खोग || ३ || इग आदार सरीर इंदिय पत्ती तीन । सासो सास जापा मन षए अनुक्रमलीन । च्यार एगिंदी पंचपत्ती विगलें जोय । पंच सन्नि सन्नितें पर पत्ती होय ॥ ४ ॥ इंडिय पांच उसास आऊ बल ए दस प्राण । च्यार ब सात एगिंदी विगले जाए । सन्नि सन्नि पंचिंदीने नव दस क्रम थाय । प्राणांथी जे विप्रयोग जिय मरण कहा य ॥ ५ ॥ धम्मा धम्म श्रगास तीनूंना त्रिए त्रिए जेद । काल दशम इग आगास पुग्गल घ्यार विबेद । खंधा देश पएस परमाणु चवद जीव । धम्मा धम्म पुग्गल नन काल ए पांच न जीव ॥ ६ ॥ चल सहाई धम्मे । थिर संघाण अधम्म । श्रवगाहें पूरण गल नन पुग्गल धम्म । समया वलिय महुत्त दीह पख मासनें साल । पत्योपम सागर उस्सप्पणी सप्पणी काल ॥ ७ ॥ पक इग दो सग सगसग पर इग अंक गिलाय । एग महुत्तें श्रवखि संख्या सूत्रकाय । तीन सात वलि सात तीन ऊसासें माण । केवल नाणी जलियो एद महुत्त प्रमाण ॥ ८ ॥ साता उच्चगोय मणु सुर दुग पंचिंदी जाय । पांच शरीर श्रादिम तिसरीर जवंग कहाय । श्रदिसंघेण संठाण चौवर्ण अगुरु लहु होय । परघ ऊसास तेम वलि श्रातपनें जोय ॥ ए ॥ सुन
करणें काय । एगिंदी सन्नि पदी विति
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