________________ Shri Maa Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Vallindir रिरतुलोवामनोजामदग्निःसभ्राताकंसशत्रुःकरुणमयवपुम्लेंच्छविध्वंसनश्च // एतेचान्यपिसर्वेतरणिकुलभुवोयस्यजाता कलांशैस्तंव्याप्तंब्रह्मतेजोविमलगुण मयंरामचन्द्रनमामि // 5 // यजुर्वेदेसुदर्शनसंहितायां // // मत्स्यश्चराम हृदयंयोगरूपीजनार्दनः॥ कूर्मश्चाधारशक्तिश्चवराहो जयोर्बलम्॥६॥ नारसिं। होमहाकोपोवामनःकटिमेखला // भार्गवोजंघयोर्जातोबलरामश्चपृष्ठतः॥७॥ बौद्धश्चकरुणासाक्षात्कल्किश्चित्तस्यहर्षतः॥ कृष्णःशृंगाररूपश्चवृन्दावनविभ षणः॥ 8 // एतेचांशकलाःसर्वेरामस्तुभगवान्स्वयम् // 9 // ॥सामवेदेवर द्वाजसंहितायां // ॥अवताराबहवःसंतिकलाश्चांशविभूतयः // रामएवपरं ब्रह्मसच्चिदानंदमव्ययम् // ॥वाल्मीकीये ॥१०॥वेदवेद्येपरेपुंसिजातेदशर थात्मजे ॥वेदःप्राचेतसादासीत्साक्षाद्रामायणात्मना।।३॥ ॥हारीतस्मृतौ॥ For Private And Personal