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वातायनं
९५१
वान
वातायनं (नपुं०) गवाक्ष। (जयो० २४/८६) वातिः (पुं०) [वा+क्तिच्] सूर्य, दिनकर।
०पवन, वायु।
०चन्द्र, शशि। वातिक (वि०) वातपीड़ित, सन्धिवात युक्त। वातिकः (पुं०) वायु प्रदूषण से उत्पन्न ज्वर। वातीय (वि०) [वात+छ] हवादार। वातीयं (नपुं०) चावल की मांड। वातुल (वि०) [वात+उलच्] गठियावात से पीड़ित, वायु
प्रकोप युक्त।
०पागल। वातुलिः (स्त्री०) [वा+उलि+तु] चमगादड़। वातृ (पुं०) [वा+तृच्] पवन, हवा। वात्या (स्त्री०) [वातानां समूह यत्] ०अंधड़, भंवर, वायुप्रलय,
झंझावात। वात्सकं (नपुं०) बछड़ों का समूह। वात्सल्यं (नपुं०) [वत्सलस्य भावः ष्यञ्] स्नेह, प्रीति, अनुराग,
सुकुमारता, प्राणिवर्ग पर अनुराग, धर्मी पर स्नेह।
०लाडप्यार। वात्स्यायनः (पुं०) [वत्सस्य गोत्रापत्यं वत्स+यज्+फक्] कामसूत्र
प्रणेता, न्यायसूत्र के भाष्यकार। वादः (पुं०) [वद्+घञ्] वचन, बात, पक्ष प्रस्तुति। * अभीष्ट
साध्य की सिद्धि के लिए कथन। भाषण, कथन, विवेचन, आलाप। (जयो०व० १/३) ०वक्तव्य, उक्ति, आरोप। वर्णन, वृत्त, समविवेचन। विचार, निरूपण, प्ररूपण। तर्क, प्रस्तुतीकरण। विवृति, व्याख्या। उपसंहार, सिद्धान्त।
विवरण, टिप्पणी। वादक (वि०) बजाने वाला। गीत-प्रबन्धगति-विशेषवादक ___चतुर्विधातोद्य प्रचार कुशलो वादक। (नीश्ते वा १४/२५) वादकण्डूपः (पुं०) वाद की अभिलाषा, कथन की इच्छा।
(दयो० ९१) वादकर (वि०) विवाद करने वाला, वार्तालाप करने वाला। वादकृत् (वि०) विवाद करने वाला, पक्ष रखने वाला। वादग्रस्त (वि०) विवादग्रस्त, आपसी मतभेद युक्त।
वादनं (नपुं०) [वद्+णिच्+ल्युट्] बाजा, वाद्य।
०बजाना, ध्वनि करना। वादनार्थ (वि०) मुररीकृ, बजाने के लिए। (जयो०१० २२/६१)
फूत्कृतेर्विचारादुत किल मुररी वंशीमुररीचकार, वादनार्थमिति
शेषः। (जयो०वृ० १२/७६) । वादर (वि.) [वदरायाः कार्पस्याः विकारः वादरा+अण] कपास
से निर्मित। वादरं (नपुं०) सूती वस्त्र। वादरंगः (पुं०) [वादर+खच्+डित्] पीपल तरु।
गूलर वृक्षा वादि (वि०) [वादयति व्यक्तमुच्चारयति वद्+णिच् इञ्]
विद्वान्, कुशल, बुद्धिमान।
पक्ष प्रस्तुत करने वाला। वादिकरया (वि०) कुशल। (जयो०वृ० १/६) वादित (भू०क०कृ०) [वद्+णिच्+क्त] ०बजाया गया, घोषित
कराया गया।
उच्चरित कराया गया, बुलवाया गया। वादित्व (वि०) अभिमत तत्त्व वाला। वादित्रं (नपुं०) वाद्य, संगीत। (जयो०८/६२) (जयो०वृ०१/१९) वादिन् (वि०) [वद्+णिनि] बोलने वाला, अभिव्यक्त करने
वाला। विपक्षी, तर्क-वितर्क कर्ता। (जयोवृ० ३/१२)
व्याख्याता, अभियोक्ता, अध्यापक। वादिशः (पुं०) विद्वान्, ऋषि, साधक। वादी (वि०) पक्ष प्रतिपादक व्यक्ति। वाद्यं (नपुं०) [वद्+णिच्+क्त] बाजा (जयो० ५/५०)
'घन-सुषितर-तत-आनद्धरूपाणि चतुर्विधवाद्यन्यवाद्यन्त अमरकोश। (जयोवृ० १०/१६) सघनं घनमेतदास्वनत् सुषिरं चाशु शिरोऽकरोत्स्वनम् स ततेन ततः कृतो ध्वनिः
सममानद्धममानमध्वनीत्।। (जयो० १०/१६) वाद्यकर (वि०) संगीतज्ञ। वाद्यभाण्डं (नपुं०) वाद्ययन्त्र समूह, स्वराञ्जलि पूर्ण। वाद्यमान (वि०) बजाए जाते हुए। वाद्यवादनं (नपुं०) परिवाद्य। (जयो० १५/७०) (जयो० १०/११) वाधूक्यं (नपुं०) विवाह, परिणय। वाधीणसः (पुं०) गैंडा। वाध्यता (वि०) परित्यागता। (मुनि० १६) वान (वि०) [वन+अण] खिला हुआ, पुष्पित। . ०शुष्क, सूखा हुआ।
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