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लाञ्छनं
९११
लालित
लाञ्छनं (नपुं०) [लाञ्छ् कर्मणि ल्युट्] चिह्न, निशान।
(वीरो० १०/७) (जयो० १/१४) ०नाम, अभिधान। ०धूम। (जयो० १०/८०)
दाग, धब्बा, कलंक। (जयो० १५/५८) लाञ्छनयुक्त (वि०) कलंकित। (जयो० १५/५८) लाञ्छनेशः (पुं०) चंद्र। (जयो० १५/६८) लाञ्छित (भू०क०कृ०) [लाञ्छ+क्त] चिह्नित, निशान युक्त,
अन्तरयुक्त। ०कलंकित, कलंकयुक्त। (जयो० ३/५४)
सुसज्जित, विभूषित। लाटः (पुं०) लाट देश। लाटानुप्रासः (पुं०) शब्द और शब्दों की पुनरावृत्ति। लाटिका (स्त्री०) रचना, एक विशेष शैली। लाड् (सक०) दुलारना, पुचकारना, प्रेम करना।
कलंकित करना, निन्दा करना। ०फेंकना, उछालना। लाण्ठनी (स्त्री०) व्यभिचारिणी, कुल्टा स्त्री। लात (भू०क०कृ०) [ला+क्त] लिया, ग्रहण किया। लात्वा (सं०कृ०) लाकर, ग्रहणकर। (सुद० ७१) लानित (वि०) लाया, ग्रहण किया, लिया। (जयो० ६/४७) लान्तकः (पुं०) लान्तव स्वर्ग। (वीरो० ) लापः (पुं०) [लप्+घञ्] बोलना, बाते करना।
किलकिलाना, तुतलाकर बोलना।
०लपर-लपर करना, लत्वी बोलना, बातूनी। लावः (पुं०) बटेर पक्षी। [लु+घञ्] लावकः (देखो ऊपर) लाबुः (पुं०) लौकी, आल, अलाबु, नूमड़ी। लाभः (पुं०) [लभ+घञ्] ०फायदा, नफा।
प्राप्ति, आवाप्ति, उपलब्धि, अभिलषितार्थ की प्राप्ति, इच्छित प्राप्ति।
०इच्छा, लोलुपता, लालच। लाभकः (पुं०) फायदा. मुनाफा। लाभमान (लभ+शानच्) लाभ होने वाला। लाभान्तरायः (०) लाभ में बाधा, इच्छा में रुकावट/विघ्न।
'लाभस्य विघ्नमृदन्तरायः' लाभालाभः (पुं०) लाभ-हानि। (दयो० १०७) लामञ्जकं (नपुं०) सुगंधित घास।
लाम्पट्य (वि०) [लम्पट+ष्यञ्] लम्पटता, कामुकता,
भोगासक्ति। (सुद० १२८) 'स्वार्थस्येयं पराकाष्ठा जिह्वलामपट्यपुष्ट्ये। अन्यस्य जीवनमसौ संहरेन्मानवो भवन्।।
(सुद० १२८) लाल् (सक०) दुलार करना, प्यारा करना। ०लालन करना।
स्नेह करना। (लाल्यते जयो० १२/७९) लालः (पुं०) लार, थूक, थुत्कधारा। (जयो० २७/३५) निष्ठीवन।
(जयो० ३/२९) लालनं (नपुं०) [लल् ल्युट्] ०प्यार, लाड, दुलारना, पुचकारना. स्नेह करना। (दयो० ५४)
आत्मरंजन, मनोरंजन, सम्भालना। (जयो० २१/१९) लालनीय (वि०) [लल्+अनीयर्] दुलार योग्य, 'प्यार योग्य। ___ 'लालनीयः स्तनन्धपः अबोध बालकः' (हित सं०११) लालस (वि०) लालसा, इच्छुक, वाञ्छा युक्त, लालायित,
* आनंद देने वाला।
०अनुरक्त, भक्त, रागी, तल्लीन, तन्मयता। लालसकर (वि०) इच्छावर्धक। (जयो० १६/८५) लालसा (स्त्री०) [लस् स्पृहायाँ यङ् लुक् भावे अ] ०इच्छा,
अभिलाषा, उत्सुकता. वाञ्छा। (जयो० १५/१) ०याचना, निवेदन, अनुनय, अभ्यर्थना।
०खेद, शोक। लालसीक (नपुं०) चटनी। लाला (स्त्री०) [लल+णिच्+अच+टाप] लार, थूक, निष्ठीवन,
थूत्कार। (दयो० ११०) लालाटी (वि०) माथा, मस्तक। लालायित (वि०) इच्छुक, वाञ्छाशील, उत्कण्ठित।
(जयो०१६/३१) लालालाम (वि०) लार युक्त। लालावित (वि०) लार से भरा हुआ। (सुद० १०२)
स्त्रियां मुखं पद्मरुखं ब्रुवाणा, भवन्ति किन्नाथ विदेकशाणा। लालाविक शोणितकोणितत्त्वात्,
जातु रुच्यर्थमिहैमि तत्त्वात्।। (सुद० १०२) लालिकः (पु०) [लाला+ठञ्] भैंसा। लालित (भू०क०कृ०) [लल्+णिच्+क्त] ०स्वीकृत।
(जयो० २/१५७) ०पालित। प्यार किया गया, दुलार किया गया। (सुद० ३/२३) अवस्थित, स्थित। करपल्लवलालिते सुधा-लतिकाया
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