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लम्बोष्ठ
९०८
ललिताप्सरस्
लम्बोष्ठ (पुं०) ऊंट, ऊष्ट्र।
ललनं (नपुं०) [लल्ल्यु ट्] क्रीड़ा, खेल, आमोद-प्रमोद, लम्भः (पुं०) [लभ+घञ्+नुम्] सिद्धि, अवाप्ति।
रंगरेली। मिलन।
ललना (स्त्री०) [लल+णिच्+ल्युट्टाप] कामिनी, स्त्री, तरुणी। ०पुनः प्राप्ति।
___(सुद० १/२५) (जयो० ६/१२८) ०लाभ।
ललनाकलः (स्त्री०) नारी समूह, ललनैतत्कलं मनोहर। (जयो० लम्भनं (नपुं०) [लभ+ ल्युट्+नुम्] प्राप्ति, अवाहित, ग्रहण १३/९) स्वीकार। (मुनि० १४)
ललनिका (स्त्री०) [ललना+का+टाप] छोटी सी। लम्भित (भू०क०कृ०) [लभ्+क्त, नुम्] उपार्जित, गृहीत, | ललन्तिका (स्त्री०) [लल्+शत ङीप्+कन्+टाप] लम्बी माला। प्राप्त हुआ, दत्त, हासिल।
छिपकली। नियुक्त, प्रयुक्त, संजोया गया।
ललाकः (पुं०) [लल्+आकन्] जननेन्द्रिय। सम्बोधित, कहा गया।
ललाटं (नपुं०) मस्तक, माथा। (जयो० ११/६४) लम्भितपार (वि०) पारगत। उस पार गया हुआ।
'ललाटमिन्दुचितमेन तासाम्' (वीरो० ५/२१) लय् (सक०) जाना, पहुंचना।
ललाटतट (नपुं०) माथा। लयः (पुं०) [ली+अच्j कीर्तन कला। (जयो० २/६०) ललाटपट्टिका (स्त्री०) सिरमोर। चिपकना, मिलाप, लगाव।
ललाटलतिका (स्त्री०) मस्तक रेखा। (जयो० २९/८२) प्रच्छन्न, ढका हुआ।
ललाटरेखा (स्त्री०) मस्तकरेखा। संगलन, पिघलना, घोल।
ललाटिका (स्त्री०) [ललाट+कन्+टाप्] टीका, सिरमोर, मत्थे ०अदर्शन, विघटन, बुझाना, विनाश।
का आभूषण। मन की लीनता, गहन एकाग्रता।
ललान्त (वि०) पुष्पान्तर। (जयो० ९/९२) संगीत में विश्राम, विराम, गति।
ललाम (वि०) सुंदर, प्रिय, मनोहर। (जयो० १६/९०) आवास, निवास। (सुद० १/२७)
'आसीत्तदाराम-ललाममञ्चमहो' (जयो० १/४९) अभाव। (जयो०वृ० १/३९) विनाश, नाश।
०दर्शनीय, रमणीय। (जयो० १३/४०) सुरक्षात्मक उपाय। (जयो० १५/९)
ललामसारः (पुं०) सुंदर उद्देश्य। (जयो० १७/१२) ०बहाना, चढ़ाना-'बाराधारा विसर्जनेन तु पदयोजिनमुद्रायाः' ललित (वि०) [लल्+क्त] सुंदर, प्रिय, श्रृंगार युक्त, रमणीय। लयोऽस्तु कलङ्ककलायाः। (सुद० ७१)
(जयो० ५/४६) लयकालः (पुं०) प्रलयकाल।
प्रांजल, सुहावना, लावण्यमय, रुचिकर। लयक्रिय (वि०) लयक्रिया, विनाश। (जयो० ३/२३)
०अभीष्ट, मृदु, कोमल, आकर्षण। लयगत (वि०) विघटित, पिघला हुआ। ०आवास युक्त। ललितं (नपुं०) क्रीड़ा, रंगरेली, खेल, विनोद, प्रीतिभाव। लयजन्य (वि०) संगलित हुआ।
ललिततम (वि०) सुंदरतम। (सुद० ८२) लयनं (नपुं०) [ली+ल्युट्] जुड़ना, चिपकना।
ललितपद (वि०) श्रृंगार युक्त रचना, प्रांजल काव्यपद। लयपुत्री (स्त्री०) नटी, अभिनेत्री।
ललितप्रहारः (पुं०) मृदु आघात। लल् (सक०) खेलना, इठलाना, क्रीड़ा करना।
ललिता (स्त्री०) [ललित+टाप] सुंदर स्त्री, तरुणी, कामिनी। प्रेमालिंगन करना।
०स्वेच्छाचारिणी स्त्री। ०लपलपाना।
०कस्तूरी। लल् (वि०) क्रीड़ासक्त, विनोद प्रिय, लालसा युक्त।
ललिताक्षरं (नपुं०) कोमलाक्षर, प्रांजलाक्षर। अभिलाषी, इच्छुक।।
ललिताभावती (स्त्री०) मृदु अक्षर से युक्त स्त्री। (जयो०३/३५) ललजिह्वा (वि०) लपलपाती जीभ वाला।
ललितान्तरङ्ग (वि०) सुंदर अंतरंग वाले (समु० १/२८) ललत् (वि०) [लल्+शतृ] खेलने वाला, लपलपाता हुआ। | ललिताप्सरस् (स्त्री०) सुंदर अप्सरा। (दयो० ४)
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