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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लब्धघात ९०७ लम्बोदरजा लब्धघात (वि०) प्राप्तघात। (जयो० ८/२९) लम्ब (अक०) लटकना, दोलायमान होना, हिलना। लब्धफलं (नपुं०) प्राप्त फल। (जयो० ३/९१) ०अनुषक्त होना। लब्धबाहु (वि०) अनावश्यक। (वीरो० २२/२२) ०पड़ना, पिछड़ना। लब्धविषय (वि०) विषय को प्राप्त। (जयो० २/२) लम्ब् (सक०) उठाना। 'बहुशैत्यमितीरयंल्ललम्बे' (जयो० लब्धिः (स्त्री०) जीव समागम, ऋद्धि प्राप्ति, प्राप्ति, शक्ति १२/१२०) आश्रय। (वीरो० ) एका दुरितस्य तादृक् क्षयोपशान्तिः ०ठहराना, आश्रय देना, दूर करना, बड़ा करना। ललम्बे लब्धि अस्ति। (जयो० ८/१४) अर्थग्रहण शक्ति। (सम्य० ४२) ०हराना, बिछाना। ०क्षपोपशमविशेष लब्धि। ०थामना, संभालना। लम्भनं लब्धि अभिग्रहण, प्राप्ति। लम्ब (वि.) [लम्ब्+अच्] दीर्घ। (जयो०वृ० १/२५) तप विशेष से प्राप्त ऋद्धि। ०लम्बमान, झूलता हुआ, लटकता हुआ। (सुद० ७८) लब्धिस्थानं (नपुं०) समस्त चारित्रस्थान की प्राप्ति 'सव्वाणि फैला हुआ, विस्तृत। (जयो० १/२५) चेव चरित्तट्ठाणानि लद्धिट्ठणाणि' (कसाय पा० ६७२) ०बड़ा, विस्तार युक्त। लब्धिं (नपुं०) प्राप्त, अवाप्त, उपलब्ध। चम्पू लम्ब। ०अध्याय, सर्ग। लब्बा (सं०) प्राप्त कर, पहुंचकर। (सम्य० ४३) लम्बकः (पुं०) लंबरेखा अक्षांशरेखा। (जयो० १८/५३) लभ् (सक०) प्राप्त करना, ग्रहण करना। लभ्यनिष्ठति | लम्बकर्णः (पं०) गर्दभ। प्रातव्यवस्तु, अलब्धवान्। (सुद० १०१) बकरा। अधिकार करना, स्वीकार करना। (सुद० १३३) ०हस्ति। जानना, सीखना। ०बाज, शिकरा। उपलब्ध करना, अवाप्त करना। (समु०८/१६) पिशाच, राक्षस। समझना, प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करना। (सम्य० ८९) लम्बजठर (वि०) मोटे पेट वाला, लम्बोदर। ०पहुंचना, (सम्य० ४३) लब्धा पदं तट्टति किञ्चशस्यैः' लम्बनः (पुं०) [लम्ब्+ल्युट्] शिव, शंकर। (वीरो०५/८) कफ प्रधान प्रकृति। लभनं (नपुं०) [लभ ल्युट्] प्राप्त करना, ग्रहण, अवाप्त लम्बनं (नपुं०) झालर, लटकन। स्वीकार। __उतरना, नीचे आना। जानना, सीखना। लम्बपयोधरा (स्त्री०) लटकते स्तन वाली। ०पहुंचना। लम्बबाहु (पुं०) लम्बी भुजा। (वीरो० ३/११) लभसः (पुं०) धन, वैभव, सम्पत्ति। लम्बा (स्त्री०) लक्ष्मी, दुर्गा। लभसं (नपुं०) घोड़े की रस्सी। लम्बिका (स्त्री०) [लम्ब्+ण्वुल्+टाप्] कोमल तालुका, लभ्य (वि०) [लभ कर्मणि यत्] ०प्राप्त होने के योग्य। उपजिह्वा। गल कण्ठ का कौवा। ०पहुंचने योग्य, मिलने योग्य। लम्बित (भू०क०कृ०) [लम्ब+क्त] लटकता हुआ, झूलता हुआ। ०योग्य, उपयुक्त, उचित। ___ अनुषक्त, सहारा लिए हुए। लमकः (पुं०) प्रेमी। लम्बितालका (स्त्री०) लम्बे लटकते हुए बालों वाली। लम्पटः (पुं०) दुश्चरित्त, स्वेच्छाचारी। (जयो० २१/६२) लम्पट (वि०) लालची, लोलुप, लालायित। लम्बुषा (स्त्री०) लम्बा हार, सात लड़ियों का हार। विषयी, विलासी, कामुक, व्यसनी, इन्द्रियपरायण। लम्बोदर (वि०) स्थूलोदार, मोटे पेट वाला, तोंदवाला। लम्फः (पुं०) [लम्फ्-घञ्] कूद, उछाल, छलांग। लम्बोदरः (पुं०) गजानन, गणपति, गणेश। (दयो०५४) लम्फनं (नपुं०) [लम्फ ल्युट्] कूदना, उछलना। लम्बोदरजा (वि०) भयवर्जित, पीड़ा नाशक। (जयो० १९/४९) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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