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हेलिः
१२४९
हेलिः (स्त्री०) सूर्य की स्त्री।
होमकुण्डम् (नपुं०) हवन कुण्ड। हेवाकः (पुं०) उत्कृष्ट इच्छा, उत्कण्ठा।
होमधान्यम् (नपुं०) तिल, जवादि। हेष (अक०) हिनहिनाहट, दहाड़ना, रेंगना
होमधूमः (पुं०) होमाग्नि का धुंआ। हेषः (पुं०) हिनहिनाहट। (जयो० १३/७२)
होमभस्मन् (नपुं०) हवन की राख। हेषिन् (पुं०) अश्व, घोड़ा।
होमरवः (पुं०) हवन स्वर, हवनमन्त्र। हेहे (अव्य०) सम्बोधन वाचक अव्यय।
ओं सत्यजाताय स्वाहा-इत्यादि (जयो०वृ० १२/७२) है: (अव्य०) सम्बोधनात्मक अव्यय।
होमवेला (स्त्री०) हवन का समय। हैतुक (वि०) [हेतु+ठक्] कारणमूलक, तर्क सम्बंधी, तर्कपूर्ण। होमशाला (स्त्री०) यज्ञशाला, यज्ञगृह। हैतुकः (पुं०) मीमांसक। ० तर्कवादी।
होमाग्निः (स्त्री०) होम की आग। हैम (वि०) [हिम+अण्] शीतल, ठंडा।
होमाभिधः (पुं०) हवनाक्षर। हवनमन्त्र। (जयो०० १९/५५) ० सुनहरी। स्वर्णमय। (जयो० २२/३) हेम्न इदं हैम, ओं ह्रां ह्रीं हूं ह्रौ ह्रः असि आ उ सा (जयो० ११/१५)
अप्रतिचक्रे फट् विचकाय क्रीं क्रौं स्वाहा। (जयो०७० ० हेमन्त ऋतु।
१९/५५) हैमनः (पुं०) शरदऋतु, हेम ऋतु।
होसि (नपुं०) नवनीत, मक्खन। ० जल, ० अग्नि। हैमन्तिक (पुं०) [हेमन्ते काले भाः ठ] ठंण्डा। ० सर्दी से | होमिन् (पुं०) यज्ञकर्ता, यजमान। उत्पन्न होने वाला।
होमीय (वि०) हवन सम्बंधी। हैमवत् (वि०) स्वर्ण की तरह। ० बर्फीला।
होरा (स्त्री०) [हु+र+टाप्] राशि का उदय। ० एक घण्टा। हैमवत् (पुं०) हैमवत् क्षेत्र, भरत क्षेत्र एवं ऐरावत क्षेत्र के
चिह्न, रेखा। अतिरिक्त हैमवत् क्षेत्र। (त०सू० ३/२९, त०सू०पृ०५८) । होलाका (स्त्री०) होलीमास, फाल्गुनमास। हैमवती (स्त्री०) पार्वती। ० गंगा।
होलिका (स्त्री०) होली का त्यौहार। • हरीतकी, हरड़े। ० अलसी।
हो हो (अव्य०) सम्बोधनात्मक अव्यय। हैयङ्गवीनम् (नपुं०) [हयो गोदोहान् भवं] नवनीत, मक्खन। होम्यम् (नपुं०) नवनीत, मक्खन, ० घी। (जयो०वृ० १/१००, १०/१५)
हनु (अक०) ले जाना, लूटना। हैरिकः (पुं०) [हिर+ठक्] चोर, तस्कर।
० छिपाना, ढकना, रोकना। हो (अव्य०) किसी व्यक्ति को बुलाने के लिए प्रयुक्त होने ह्यस् (अव्य०) बीता हुआ कल। वाला अव्यय।
ह्यस्तन (वि०) बीते हुए कल से सम्बंध रखने वाला। त्मन्यात्मा विलगत्य हो
ह्यस्त्य (वि०) कल से सम्बंधित। विजयतां सम्यक्त्वमेतत्सदा। (सम्य० १५४)
हृत् (वि०) विनष्ट, प्रणष्ट। (जयो० १६/३४) होड् (अक०) उपेक्षा करना, अनादर करना।
हृदः (पुं०) तालाब, सरोवर। होडः (पुं०) [होड्+अच्] बेड़ा, नाव।
० छिद्र, विवर, गर्त। होढाकृत् (वि०) शर्त लगाने वाला। (जयो० २/१२७) ह्रदिनी (स्त्री०) [हृद्+इनिङीप्] ० नदी, ० विद्युत। होतु (नपुं०) हवन, होम। (जयोवृ० १२/५६)
ह्रदोगः (पुं०) कुम्भराशि। होतृ (वि०) [हू+तृच्] हवन करने वाला, यममान। ह्रस् (अक०) ० शब्द करना, ध्वनि करना। होतृ (पुं०) यज्ञकर्ता।
० नाश होना, नष्ट होना। (जयो० ३/८) होतृगृहम् (नपुं०) यज्ञशाला। (दयो० २२)
हसिमन् (पुं०) [ह्रस्व+इमनिच्] हलकापुन। होत्रम् (नपुं०) [हु+ष्टुन्] यज्ञ, हवन में भस्म सामग्री।
० लघुता। होत्रीयः (पुं०) [होत्राय हितं होतुरिद वा छ] यज्ञकर्ता। ह्रस्व (वि०) [ह्रस्+वन्] लघु, अल्प, थोड़ा। होमः (पुं०) [हु+मन्] यज्ञ, हवन।
ह्रस्वः (पुं०) छोटा, ठिगना, बौना।
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