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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हव्यसामग्री १२३९ हस्तिन् हव्यसामग्री (स्त्री०) साकल्यभाज। ० हवन सामग्री। (जयो० २३/६) हस् (अक०) हसना, मुस्कराना, प्रसन्न होना। (जयो० ३/५३) ० उपहास करना। (सुद० ८५) ० खिलना, खुलना, हर्षित होना, प्रफुल्लित होना। (सुद० ४/१०) हस (वि०) हंसी, ठहाका। ० उपहास, आमोद-प्रमोद। ० प्रसन्नता। ० खुशी, ० हर्ष। हसनम् (नपुं०) [हस्+ल्युट] हंसना, उपहास, अट्टहास। हसनी (वि०) [हसन+ङीप्] चूल्हा, अंगीठी, कांगड़ी। हसन्ती (स्त्री०) मल्लिका. हंसती हुई। (वीरो० ५/३१) संतो हसन्ती मृगशावनेत्रा कित्वा हसन्ती परिवारपूर्णाम्। (वीरो०७/३१) ०चूल्हा, अंगीठी। हसिका (स्त्री०) [हस्+ण्वुल-टाप] उपहास, हंसी। ० अट्ठासा हसित (भू०क०कृ०) [हस्+क्त] उपहास करता हुआ, हंसता हुआ। ० हर्षित। ० अट्टाहास युक्त। हसितवती (वि०) हंसने वाली स्त्री, प्रसन्नचित्त स्त्री। (जयो०५/७०) हस्तः (पुं०) [हस्+तन्] हाथ, कर। (सुद०८०) (जयो० ११५) (दयो० ४२) पाणि। (जयो०वृ० १४/३५) हस्तकः (पुं०) हाथ की अवस्थिति। हस्तकमलम् (नपुं०) हाथ रूपी कमल। कमल जैसा हाथ। हस्तकौशलम् (नपुं०) हाथ की दक्षता। हस्तक्रिया (स्त्री०) दस्तकारी, हाथ का काम। हस्तगत (वि०) हाथ में आया हुआ, अधिकार प्राप्त। हस्तगामिन् (वि०) अधिकार जन्य, हस्तगृहीत। हस्तग्राहः (पुं०) हाथ से पकड़ना। हस्तचापल्यम् (नपुं०) हस्त कौशल, दस्तकारी। हस्ततलम् (नपुं०) हथेली। (जयो० ४/४२) हस्तताल: (पुं०) हथेली बजाना, तालियां बजाना। हस्तदोषः (पुं०) हाथ से होने वाली भूल। हस्तधारणम् (नपुं०) हाथ का उपयोग। हस्तपादम् (नपुं०) हाथ और पैर। हस्तपुच्छम् (नपुं०) कलाई के नीचे का भाग। हस्तपृष्ठम् (नपुं०) हथेली का पिछला भाग। हस्तप्रक्षालनम् (नपुं०) हाथ धोना। (जयोवृ० १९/५) हस्तप्राप्त (वि०) हाथ में आया हुआ, हस्तगत, उपलब्ध, समागत। ० सुरक्षित, संरक्षित। हस्तप्राप्य (वि०) हाथ के पहुंचने योग्य। हस्तबन्धूरः (पुं०) शुण्ड, सूड, हाथी की सूड। (जयो० १३/३२) हस्तबिम्बम् (नपुं०) शरीर पर गन्ध लेपा हस्तमणिः (स्त्री०) हाथ कंगन, मणिवलय, रत्नाभूषण। हस्तयन्त्रम् (नपुं०) सिलाई मशीन, हस्तसीवन यन्त्र। (जयो० २/५०) हस्तलाघवम् (नपुं०) हस्तकला, हाथ की सफाई, बाजीगरी। हस्तविनोदसाधनम् (नपुं०) कर क्रीडनक। (जयो०१० ३/६९) हस्तसंयोगः (पुं०) हाथ का योग, हाथ का प्रयोग। (जयो० २०/६२) हस्तसंयोजनं (नपु०) सम्यगञ्जलित्व। (जयो०१० २०/१७) हस्तसंवाहनम् (नपुं०) हाथ मालिश, हाथ से दबाना। हस्तसिद्धिः (स्त्री०) मजदूरी, श्रम, परिश्रम। हस्तसूत्रम् (नपुं०) मंगलमय सूत्र, कंगन, कड़ा। हस्तस्थित (वि०) हाथ में रखा हुआ। (जयो०वृ० १/९) हस्ताग्रभागः (पुं०) पाणिलेश। (जयो०० १४/३७) हस्ताक्षरम् (नपुं०) दस्तखल, हस्त स्व नामाङ्कन। हस्तांगुलिः (स्त्री०) हाथ की अंगुली। हस्ताभ्यस्तः (पुं०) हाथ से कार्य करना। हस्ताम्बुकण: (पुं०) सूंड से जल उछालना। (जयो०८/२६) हस्तालम्बनम् (नपुं०) हाथ का सहारा। हस्तावलम्बिन् (वि०) हस्त आधारित। (सुद० १/३) हस्तावापः (पुं०) हस्तत्राण, हाथ पोश, दस्ताना। हस्ताहस्ति (वि०) दक्ष, कुशल, निपुण। हस्तिकम् (अव्य०) [हस्तैश्च हस्तैश्च प्रहत्य इदं युद्धं प्रवृत्तम्] हाथापाई। हस्तिन् (वि०) [हस्तः शुण्डादण्डोऽस्त्यस्य इनि] सूंडयुक्त। ० करयुक्त। हस्तिन् (पुं०) हाथी। (जयो०वृ० १/२५) • गज। ० करेणु, दन्ति, दशनि। (जयो० १२८०) ० मतङ्गज, दन्तुर, दानधर, मदधर। (जयोवृ० ८/१९) ० करि। (जयो०वृ०६/२४) ० गणेश। (जयो० १/२) ० भद्र, सज्जन, कुशल, चतुर। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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