________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुन्दरपरिभ्रमणम्
११९१
सुबीज
सुन्दरपरिभ्रमणम् (नपुं०) ललितावर्त। (जयो०वृ० १४/५३) सुपर्ववाहिनी (स्त्री०) स्वर्ग गङ्गा, गगनगङ्गा। (जयो० १३/५३) सुन्दरप्रतिसारः (पुं०) महान् समारम्भ। (जयो० १०/१) सुपाण (पुं०) सुंदर पवन। सुष्ठु पस्य पवनस्याणः शब्दो यत्र सुन्दरभावः (पुं०) अच्छे परिणाम।
तस्मिन् सुपाणे। (जयो० २७/२७) सुन्दरमाला (स्त्री०) आकर्षण माला।
सुपात्रम् (नपुं०) उपयुक्त बर्तन। मनोहर पात्र। (जयो० सुन्दरवनम् (नपुं०) समृद्ध वन।
१२/११२). सज्जन। सुन्दरवेरम् (नपुं०) सुंदर शरीर।
० उत्तम पात्रता युक्त व्यक्ति, व्रतधारी जो सम्यग्दर्शनादि सुन्दराकार (पुं०) सौम्य आकार। (जयो०वृ० १२/११८) गुणों से युक्त होता है। सुन्दराकृति (स्त्री०) (जया०५/९१) उत्तम आकृति। (वीरो० सुपाद् (वि०) कोमल चरण वाली। ४/३१) ० सौम्याकार।
सुपार्श्वः (वि०) उत्तम समीपता युक्त। सुविशालेऽवनिललिते समुन्नते सुन्दराकारे। (वीरो० ४/३१) सुपिच्छल (वि०) कीचड़ युक्त। (वीरो० २१/१५) सुन्दराङ्गिन् (वि०) सुगौरगात्री, आकर्षक अंगों वाली। (जयो० सुपीन (वि०) पीनतर (जयो० १७/४४) अत्यधिक भरे हुए। १०/११८)
____ पुष्ट। (वीरो० ९/३९) सुन्दरी (स्त्री०) ऋषभ पुत्री, आदिनाथ की दो पुत्रियों में से सुपुण्यशाली (वि०) अत्यन्त पुण्यवान्। (जयो० १२।८६)
एक पुत्री सुंदरी-गणितविद्या प्रवीणा (वीरो० ८/३९) सुपुष्कराशय-तनु (वि०) कमलगर्भ शरीर युक्त। (सम्य०६७)
सुपुष्प (वि०) रमणीय पुष्प युक्त। ० चक्रपुर के अपराजित राजा की रानी सुंदरी। सा सुन्दरी सुपुस्तक (वि०) सुशास्त्र, अच्छी पुस्तक। (सुद० ३/३१)
नाम बभूव रामा वामासु सर्वास्वधिकाभिरामा। (समु०६/११) सुपूतः (पुं०) सुपुत्र। सुन्दर्यासक्त (वि०) सुंदरियों को आकर्षित करने वाला। सुन्दरीषु । सुपूतः (वि०) पुनीततर। (जयो० ५/३१)
युवतिषु आसक्तं संलग्नं मनो यस्य सः। (जयो० ६/१०८) सुपेशला (वि०) सुंदर रूपधारिणी। सुन्दल (वि०) सुंदर, ललित। (सुद० ९४)
सुप्त (वि०) [स्वप्+क्त] सोया, पीड़ाग्रस्त। (जयो० २१/९) सुपक्व (वि०) परिपक्व, पूर्ण पका हुआ।
(सुद० ७८) सुपत्नी (स्त्री०) भद्रपरिणामी पत्नी।
सुप्रतर्कः (पुं०) स्वस्थ विचार। सुपदम् (नपुं०) सुंदर शब्द। (जयो० ३/१७)
सुप्रतीक (वि०) सुंदर आकृति वाला। सुपथः (पुं०) सुमार्ग, सुंदर पथ। सुष्ठु पन्थाः सुपथः (वीरो०२/१४) सुप्रभ (वि०) यशस्वी, प्रतिभाशाली। सुपथिन् (पुं०) राजमार्ग, उत्तम मार्ग।
सुप्रभा (स्त्री०) पिंगह्व गान्धार की रानी। सूर्यवंशीराजा दशरथ सुपरिणमनं (नपुं०) सुंदर, परिणामी। (जयो० २/४३)
की रानी। (वीरो० १५/२७) (जयो० २४/१०४) सुपरिणामः (पुं०) शुभ फल। शोभनः परिणामः सुपरिणामः | सुप्रभाकुक्षित (वि०) रानी सुप्रभा की कुक्षी से उत्पन्न। (जयो० २/६)
(जयो० ३/३७) सुपरिणाह (वि०) विस्तृत। (जयो० २२/६०)
सुप्रभातम् (नपुं०) प्रातःकाल, सुबह, प्रारम्भिक बेला, प्राप्त सुपरितोषः (पुं०) संतुष्ट भाव। (जयो० १/९९)
शिष्टाचार। सुपर्ण (वि०) शोभन पत्र,
सुप्रयोगः (०) अच्छा प्रबन्ध। ० उत्तम पंख।
सुप्रसिद्ध (वि०) प्रथित। (जयो०१० ११/६०) सुपर्णकुमारः (पुं०) भवनवासी देव।
सुप्रिया (स्त्री०) एक रानी का नाम। सुपर्णशाला (स्त्री०) उत्तम कुटिया।
सुप् (पुं०) सुप् प्रत्यय। (जयो०वृ० १/३१) सुपर्व (वि०) हर्ष, आनन्द। (सुद० ३/१४)
सुबन्धः (पुं०) तिल। सपर्वणा (वि०) देव समागम युक्त। महोत्सव युक्त। सुबल (वि०) अत्यन्त बलशाली। __ (जयो० २४/२३)
सुबालभाव (वि०) शिशुत्वभाव। (जयो० ११/६७) • लड़कपन। सुपर्वपुरम् (नपुं०) स्वर्ग (समु० ५/३३)
सुबीज (वि०) उन्नत बीज। (जयो० २/१२४)
For Private and Personal Use Only