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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुधानिधानम् ११९० सुन्दरपथं सुधानिधानम् (नपुं०) सुधाकर, चन्द्र। (जयो० ६/५०) (वीरो० सुधीजनः (पुं०) प्रज्ञाशील व्यक्ति। १२/३७) सुधीन्द्र (पुं०) बुद्धिमान। (सम्य० ३१) सुधाप्रवाहः (पुं०) सुधासूति। (वीरो०८/३६) स्वकणयोः सुधीमान् (वि०) बुद्धिमान्। (सुद० १/१५) सुधासूति तद्वचः श्रोतुमिच्छति (वीरो०८/३६) सुधीरः (पुं०) धैर्यवान्। (सुद० ११९) सुधारण (वि०) प्रशस्त धारणा शक्ति युक्त। सम्यक् धारण। सुधीवर (पुं०) प्रज्ञाशील व्यक्ति। (दयो० ७/२४) (जयो० २/११२) सुधृ (सक०) चलाना, संचालन करना। (जयो० २/११८) सुधारवादिन् (वि०) सुधार करने वाला। (जयो० १८४८३) सुधौघधुर्यः (पुं०) अमृतवृष्टिकर/चन्द्र। (जयो०८/६९) सुधारसः (पुं०) अमृत (सुद० १/३९) सुनन्दा (स्त्री०) दशवें शीतलनाथ की माता का नाम। सु-धारस (वि०) अच्छाई धारण करने वाला। (सुद० १/३९) सुनयः (पुं०) उत्तम नय, कथन करने की श्रेष्ठतम् शैली। सुधारसमय (वि०) चूना, कत्था और अमृत चूर्ण खदिरसार ० अच्छी नीति। ___ युक्त। (जयो० १२/१३५) सुनयन (वि०) सुंदर नेत्रों वाली। सुधारसहित (वि०) सुधार करने वाला। (सुद० १/३९) सुनयना (स्त्री०) सुलोचना नामक रानी। (जयो० ९/८२) सुधारान्वया (वि०) प्रमोदयुक्त, प्रेम परिपूर्ण। (जयो० २२/६८) सुनाद (वि०) शोभनध्वनियुक्त। (जयो० २/१५७) सुधारिन् (पुं०) प्रजोन्नति विधायक, प्रजा हित करने वाला। सुनाभ (वि०) सुंदर नाभि वाला। . शोभा वाला। (जयो० १/४७) विधायक (जयो० ९/६) सुनमि (पुं०) विद्याधर पुत्र दक्षिण-उत्तर के विद्याधर पुत्र का सुधालिन् (वि०) सुधारवादी। (जयो० १८/७३) नाम। (जयो० ६/६) सुधाव (वि०) सुष्टु धावतीति सुधाव प्रसरणशील। (जयो० ० विद्याधरेश। (जयो० ८७२) ६/९६) सुना (पुं०) परम पुरुष। (वीरो० २/२२) सुधावाक् (नपुं०) मधुर भाषण। सुनाशीरः (पुं०) उत्तम पुरुष, इन्द्र (वीरो० २/२२, जयो० ० चूर्ण, कलई। (जयो० २३/५४) १०/५२) सुना परम पुरुष शीरस्य सूर्यस्य। सुधालतिका (स्त्री०) अमृत लता। (सुद० ३/१७) ० प्रतापी। (दयो० १/११) सुधाशि (पुं०) देव, अमर। (जयो० १२/१) ० सूर्य तुल्य। (दयो० १/११) सुधाश्रयः (पुं०) स्वर्ग-सुधाया आश्रयं स्वर्गमेव। (जयो० १७/४०) | सुनासिका (स्त्री०) उत्तम नाक। (जयो० ११/६०) सुधाशिधामः (पुं०) स्वर्गधाम, देवस्थान। सुधाशिनां देवानां सुनिश्चित (वि०) नियमिता (दयो० १०३) जानना (सम्य०८२) ___धाम स्वर्ग। (जयो० ७/१०९) ___तत्त्वार्थानां सुनिश्चितम्। (सम्य० ८२) सुधासमृद्ध (वि०) अमृत से परिपूर्ण। (भक्ति० ७) सुनिष्ठा (स्त्री०) श्रद्धा। (जयो० १०/९९) सुधासिक्त (वि०) पीयूष सिंचित। (सुद० २/१७) सुनीति (स्त्री०) अच्छा आचरण, सदाचरण, शिष्टाचार। सुधासुरसः (पुं०) चूना। (जयो० १०/९) (सुद० १२३) सुधासूतः (पुं०) चन्द्र, सुधाकर। (जयो० ८/९३) सुनेत्र (वि०) सुंदर आंखों वाला। सुधास्रक् (पुं०) निर्मल चन्द्र। (जयो० १/१००) सुनेत्रा (वि०) शोभनाक्षी। (जयो०वृ० ६/३२) सुधास्रोतः (पुं०) अमृतप्रवाह। (भक्ति० ८) सुनोहरा (स्त्री०) महुआ। (जयो० १६/४९) सुधाकशिम्बः (पुं०) अमृतात्मक छत्र। (जयो० ८/१४) सुन्दः (पुं०) एक राक्षस का नाम। अमृतमयगुच्छक। (जयो० १५/६२) सुन्दर (वि.) [सुन्द्+अरः] प्रिय, श्रेष्ठ, उत्तम, मनोहर, सुधास्वादकः (पुं०) भ्रमर, भौंरा। (जयो०वृ० १/४७) रमणीय, आकर्षक, ललित। (जयो०वृ० ५/४६) (समु० सुधिः (स्त्री०) बुद्धि मति। (सुद० १३०) २/१९) सुधी (वि०) चतुर, बुद्धिमान, प्रज्ञावंत, प्रज्ञाशील। (दयो० । सुन्दरतम (वि०) रमणीयतम्। (जयो० ५/२०) १२१, जयो० २/४१) सुन्दरदेहं (नपुं०) आकर्षक शरीर। सुधीगत (वि०) बुद्धिमंत। सुन्दरपथं (नपुं०) उत्तम मार्ग। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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