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संयत
११०७
संयोगज
संयत (भू०क०कृ०) [सम्+यम्+क्त] संयमित, दमित, दबाया
हुआ, वश में किया हुआ। (जयो०वृ० १/२)
०बन्दी, कैदी। संयतः (वि०) कर्म को वश में किए हुए। संयतगतिः (स्त्री०) नियन्त्रित गति। संयतचेतस् (वि०) नियन्त्रित मन वाला। संयतमनः परावर्तनं (नपुं०) मन स्थिर करना। संयतवाक् (वि०) मूक, मौन। संयतवाक् परावर्तनं (नपुं०) अरहंत पद का उच्चारण करना। संयतासंयतः (पुं०) जो हिंसादिक से देशतः निवृत्त है। संयतीदोषः (पुं०) व्रत में दोष होना। संयत्त (वि०) [सम्+यत्+क्त] तत्पर, सन्नद्ध, तैयार, उद्यत।
०सावधान, सतर्क। संयमः (पुं०) [सम्य म्+अप्] धारण, पालन, निग्रह, त्याग।
(सम्य०८४)
योगनिग्रह। आस्रवद्वार रहित। इन्द्रियदमन। (जयो० २८/३७) विषय कषाय उपरत। नियन्त्रण, प्रतिबन्ध, रोक। ०अनुप्रवर्तन। ०धर्म प्रयत्न। संयम धर्म। (जयो० २८/३७)
सकलेन्द्रिय व्यापार परित्याग। ०मन की एकाग्रता।
०तपससाधना। संयमनं (नपुं०) [सम्+यम् ल्युट्]
निरोध, निग्रह, रोक, प्रतिबन्ध। शान्तेस्तथा संयमनस्य नेता (वीरो० १४/३६)
०बांधना, रोकना। संयमनः (पुं०) शासक, नियामक। संयमधर्मः (पुं०) समितियों में प्रवर्तन।
दश धर्मों में छठा धर्म। संयमयुक्त (वि०) संयम सहित। संयमविराधना (स्त्री०) किसी का घात। संयमस्थानं (नपुं०) यम, नियम आदि के लिए प्रयत्न। संयमा संयमः (पुं०) स्थूल प्राणातिपात से निवृत्ति। त्रस-स्थावर
का रक्षण। संयमित (भू०क०कृ०) [संयम+णिच्+क्त] नियन्त्रित, संयत।
०बद्ध, जकड़ा हुआ।
निरुद्ध, रोका हुआ। संयम युक्त, इन्द्रिय निग्रह से
परिपूर्ण। (भक्ति० २४) संयमिन् (वि०) [सम्+यम् णिनि] दमन करने वाला, नियन्त्रित
करने वाला।
संन्यस्त, वैरागी। संयमी (सुद० ११८) संयमिनामधारिन् (वि०) संयमी नाम धारक। (वीरो० १९/२९) संयम्य (सं०कृ०) वश में करके-संयम्य योग परिशाधश्च।
(समु०८/४०) संयानः (पुं०) [सम्+या+ल्युट्] सांचा। संयानं (नपुं०) यात्रा करना, प्रगति करना।
ले जाना। संयामः (पुं०) संयम। संयावः (पुं०) [सम्+यु+घञ्] हलुवा। संयुत (वि०) सहित, युक्त। (सम्य० १५५) (समु०५/३) संयुक्त (भू०क०कृ०) [सम्+युञ्+क्त]
मिला हुआ, जुड़ा हुआ। (जयो०वृ० १३/१२) सम्मिलित, सम्मिश्रित। मिली हुई, सहित, युक्त। ०सम्पन्न, अन्वित।
०बना हुआ। संयुगः (पुं०) [सम्+युज+क]
०संयोजन, मिलाप, मिश्रण।
०युद्ध, संघर्ष, संग्राम, लड़ाई। संयुञ् (सक०) समागम करना, बुलाना। (जयो० ३/८७) संयुज् (वि०) [सम्+युज्+क्विन्] संबद्ध, सम्बन्ध रखने वाला। संयुत (भू०क०कृ०) [सम्+यु+क्त]
०मिला हुआ, संबद्ध। मिला हुआ, मिश्रित।
संपन्न, सहित।
०भरा हुआ। (जयो० ४/५३) संयोगः (पुं०) [सम्+युज्+घञ्]
संयोजन, मिलाप, मिश्रण। (जयो०वृ० १/२२) ०संगम, मिलान। (जयो०७० ३/६२) यथौदनस्य शोभा सूपसंयोगे भवति। (जयो० ३/६२)
जोड़, पृथक् भूत पदार्थों के मेल का नाम। ०समुच्चय। संयोगगति (स्त्री०) निमित्त से उत्पन्न गति। संयोगज (वि०) संयोग सहित। (मुनि० २१)
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