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शान्
१०६१
शान्तिसंवितान
शान् (सक०) तेज करना, पैना करना।
शान्तिक (वि०) [शान्ति+कन्] प्रायश्चित्तात्मक, सान्त्वनाप्रद, शानः (पुं०) [शान्+अच्] कसौटी, कस वट्टिका। एक तुष्टिकर। (जयो० १२/६५) पत्थर, जिस पर सोने को परखा जाता है।
शान्तिकर (वि०) शान्ति प्रदान करने वाला, धैर्य उत्पन्न करने शानं (नपुं०) रुचिदल। (जयो०२६/२१)
वाला। (जयो० १८/९३) शानवादः (पुं०) चंदनघर्षक शिल, परिजात पर्वत।
शान्तिकवारिं (नपुं०) शान्तिधारा का जल। (जयो० १२/६५) शान्त (भू०क०कृ०) [शम्+क्त] दमन किया गया, उपशमित, | शान्तिकृत (वि०) शान्तिकारक, सान्त्वक, प्रशामक, उपशमक।
प्रशान्त, धैर्यवान्, संतुष्ट किया हुआ। (दयो० २।८) (मुनि० ३०) विरत, उपरत, विराग युक्त।
शान्तिगृहं (नपुं०) विश्रामालय, विश्रामगृह, आरामघर। मौन, चुप, निस्तब्ध, मूक।
शान्तिजा (वि०) शान्ति को उत्पन्न करने वाला। 'शानिर्जाया ०सधाया हुआ, पाला हुआ।
प्रिया यस्य स शान्तिजार्मुनिर्निर्गतः शान्तेराश्रयः' (जयो० आवेश रहित, संतुष्ट।
२७/५८) शान्तचेतस् (वि०) सौम्य, शान्तमना, धीर, संतुष्ट।
शान्तिज्योतिः (स्त्री०) प्रशान्त ज्योति। प्रियभाव, उत्तम भाव। शान्तता (वि०) सकुशलता। शकारोऽन्त यस्य त्ततां शकारान्ततां शान्तिदायक (वि०) धैर्य भाव को प्रदान करने वाला। सकुशता। (जयो० १७२२३)
शन्तिदानी (वि०) निराकरण देने वाला। शान्ततोय (वि०) स्थिर जल युक्त।
शान्तिनाथः (पुं०) सोलहवें तीर्थंकर का नाम। शान्तनवः (पुं०) [शन्तनु+अण्] शन्तनु का पुत्र भीष्म। शान्तिप्रदायी (वि०) बधाई देने वाला। आशीर्वाद देने वाला। शांतमूर्तिः (स्त्री०) प्रशान्त मूर्ति। (दयो० ११४)
शान्तिप्रभु (पुं०) शान्तिनाथ, सोहलवें तीर्थंकर। शान्तरसः (पुं०) मौन भाव, मूकभाव। प्रशान्त स्वरूप। शान्तिपरिकर्ता (वि०) शान्ति, उत्पादक। (जयो० २३/४८) शान्तला (स्त्री०) शान्तला देवी, (वीरो० १५/४७) विष्णुवर्धन | शान्तिधारा (स्त्री०) दोष परिमार्जन हेतु धारा, परिरक्षण धारा। राजा की पट्टरानी।
शान्तिभक्तिः (स्त्री०) शान्तिप्रभु की भक्ति, सोलहवें तीर्थंकर विष्णुवर्धन भूपस्य शान्तला पट्टदेविका।
शान्तिनाथ प्रभु की अर्चना। (भक्ति० २४) श्रीप्रभाचन्द्रसिद्धान्त-देव शिष्यत्वमागता।।
शान्तिभावः (पुं०) प्रसन्नभाव, धैर्यभाव। (वीरो० १५/४६)
शान्तिमयी (वि०) तृप्तिमयी, संतुष्टियुक्त। (सुद० ७४) शान्त (स्त्री०) वस्त्र नाम विशेष, दशरथ पुत्री।
शान्तिलाभः (पुं०) शान्ति प्राप्ति। (मुनि० २७) शान्तिः (स्त्री०) [शम्+क्तिन्] ०शमन। (जयो० १३/९९) शान्तिवर्मन् (पुं०) श्रीधर राजा का ज्येष्ठ भ्राता, आचार्य
० धैर्य, प्रसन्नता, संतुष्टि (सुद० ५/३) भूराजी शान्तये समन्तभद्र-'शान्तिवर्मा नाम नृपस्य ज्येष्ठ भ्राता (जयो०७० वन्दुितं पादौ लगतु विरागभृतः। (सुद०पृ०६९)
३/६७) शान्तिवर्मा नाम समन्तभद्र आचार्यस्तस्य भावस्तया' निराकुलता। (जयो० १/११०)
(जयो०वृ० ३/६७) शान्त, विराम, निवृत्ति, बुझाना। (सुद० १२६)
स्वयंवर मंडप का एक रचनाकार। (जयो०वृ० ३/६७) सान्त्वना, ढाढस।
शान्तेर्वर्म कवचं तस्य भावस्तया। (जयो० ३/६७) प्रायश्चित्त अनुष्ठान, तृप्ति।
शान्तिविधात्री (वि०) शान्ति प्रदायक, शान्ति विधायक, धर्म ०सौभाग्य, मांगलिक आनंद।
का प्रकाश करने वाले। (सुद० ९७) कमेजनित संताप का उपशम।
भूरास्तां चन्द्रमसस्तमसो हन्त्री शान्तिविधात्री। उपशान्ता
सकलजनानां निजवित्तस्य च, लुण्टाकेभ्यस्त्रात्री-यमाताऽरमहो शान्तिनाथ तीर्थंकर, सोलहवें तीर्थंकर शान्तिनाथ। (भक्ति० कलिरात्रिः। (सुद०९७)
शान्तिविवृद्धिः (स्त्री०) शान्ति की वृद्धि। (जयो० १२/१०२) चारित्र चक्रवती आचार्य शान्तिसागर। (सुद० ३७) शान्तिसंवितान (वि०) शान्तिदायिनी। (जयो० २३/५४)
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