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यमकः
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यवनि
यमकः (पुं०) [यम् स्वार्थे कन्] प्रतिबन्ध, रोक, नियंत्रण। | यमभागिनी (स्त्री०) यमुना नदी। .
यमक अलंकार। अर्थ परिवर्तन शब्द पुनरावृत्ति के साथ। यमभागिनी (स्त्री०) यम की पत्नी। (वीरो० ९/४०) समुदङ्गः समुद्गाद् मार्गलं मार्गलक्षणम्' नरराट् परराड्वैरी न यामिनीयं यमभामिनीति। (वीरो० ९/४०) सत्वरं सत्त्वरञ्चितः।। (जयो० ३/१०९)
यमभूपतिः (पुं०) यमराजा (समु० ७/२) युगल, दो। मध्यादि दानीं यमकस्नुभाजोः सीतेव सम्यक् यमयातना (स्त्री०) भीषण कष्ट। परिपूरिताजो।। (जयो० ११/३९)
यमराट् (पुं०) यमराज। (समु० ७/५) यमकं (नपुं०) युगल पट्टी।
यमराज् (पुं०) देखो ऊपर। यमकालङ्कारः (पुं०) यमक अलंकार। (जयो०७० ३/१०९) यमल (वि०) जुड़वा, युगल उत्पन्न हुआ।
(जयो० २५/४१, २४/८०) स्यात्पादपदवर्णानामावृत्तिः यमसभा (स्त्री०) यमराज की सभा। संयुतायुता।
यमसात् (अव्य०) यम की शक्ति में। यमकं भिन्नवाच्यानामादिमध्यान्तगोचरम्।। (वाग्भट्टल० यमसूर्यं (नपुं०) भवन की आकृति, जिनमें दो कमरे हो एक ४/२८) जहां भिन्न अर्थ वाले पाद, पद और वर्ण की का मुंह पश्चिम की ओर और दूसरे का मुख उत्तर की संयुक्त या असंयुक्त रूप से आवृत्ति हो वहां यमक होता
ओर। है। यह श्लोक के आदि मध्य या अन्त में भी हो | यमस्थली (वि०) यमभूमि, पीड़ा जनक भूमि। अहो पशूनां सकता है।
ध्रियते यतो बलिः श्मसानतामञ्चति देवतास्थली। पाद-श्लोक का चतुर्थांश
यमस्थली वाऽतुलरक्तरञ्जिता विभाति, पद-विभक्तियुक्त शब्द।
यस्याः सततं हि देहली।। (वीरो० ९/१३) वर्ण- अक्षर।
यमारातः (पुं०) कालशत्रु, यम के शत्रु, मृत्यु। (जयो०७/३५) संयुक्त और असंयुक्त।
यमाशायुग्म (वि०) यमपुर को प्राप्त। (वीरो० २१/३) आदि मध्य अन्त आदि मध्य अन्त,
यमित (वि०) ०संयमित, नियंत्रित। यम, ध्यान की विधि। पद संयुक्त असंयुक्त।
(जयो० २८/३१) आदि मध्य अन्त आदि मध्य, अन्त
यमी (वि०) संयमधर, संयमी। (जयो० २६/३७) संयत। वर्णगत संयुक्त असंयुक्त।
___(मुनि०२) आदि मध्य अन्त आदि मध्य अन्त।
यमुना (स्त्री०) कालिन्दी। (जयो०वृ० ६/४३) अन्तस्तले स्वामनुभाव यन्तस्त्रुटिं बहिर्भावुकतां नयन्ताः। ___ जमुना नदी। (जयो० ६/१०६) तस्थुः सशल्याघ्रिदशां वहन्तः हृदार्त्तिमेतामनुचिन्तयन्तः।। यमुनाभिधानं (नपुं०) यमुना नदी नाम। (जयो०८/४०) (वीरो० १४/१४)
ययातिः (पुं०) एक वंश विशेष। यमकिङ्करः (पुं०) यम का सेवक।
ययावरः (पुं०) वंशा यमकीलः (पुं०) विष्णु।
ययुः (पुं०) प्राप्त हुए। (वीरो० ५/१३) यमज (वि०) युगल उत्पत्ति, जुड़वा।
यर्हि (अव्य०) [यद्+हिल्] जब, जबकि। यमदूतः (पुं०) यमराज। (समु० ७/१)
यवः (पुं०) [यु+अच्] जौ।। काक, कौवा।
समुदाय (सुद० १/३७) भुवि वरं पुरमेतदियं मतिः प्रवितता यमद्वितीया (स्त्री०) ०कार्तिक शुक्ला दूज, भाई दूज, खलु यव सतां ततिः।। (सुद० १/३७) __०भातृद्वितीया।
०माप, नाप, लम्बाई का एक पैमाना। यमधामः (पुं०) यम का स्थान।
यवक्षारः (पुं०) जवाखार, शोरा, सज्जी। यमन (वि०) संयत, संयमी।
यवनः (पुं०) युवन जाति, मुसलिम जाति। यमनुमा (वि०) यम नाम वाला। (समु० ७/११)
यवनानी (वि०) यवन लिपि, उर्दू, फारसी। यगपाशः (पुं०) चाण्डाल। (वीरो० १७/३९)
यवनि (स्त्री०) पर्दा, आवरण। (समु०८/३)
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