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विरुदितं
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विरोधनं
विरुदितं (नपुं०) [वि+इतच्+क्त] विलाप करना, जोर से विरूपकरणं (नपुं०) सौंदर्य विहीन होना, लावण्यता से रहित चिल्लाना।
___होना। विरुद्ध (वि०) [विरुध्+क्त]
विरूपगत (वि०) कुरूपता को प्राप्त हुआ। * विपरीत, उलटा, असम्बद्ध, असंगत।
विरूपगामी (वि.) कुमार्ग गामी, काम-वासना ज़नित। * बाधित, रोका गया, विरोध किया गया।
विरूपधारी (वि०) कुरूपता युक्त। * प्रतिकूल, विरोधी।
विरूपिन् [विरुद्धं सरूपमस्ति अस्य] कुरूप, लावण्यहीन। * अनुकूल, अनुपयुक्ता
विरेकः (पुं०) [वि+रिच्+घञ्] विरेचक, जुलाब, मलाशय * प्रतिषिद्ध, वर्जित, त्याज्य योग्य।
स्वच्छ करना। * अशुद्ध, अनुचित।
विरेचनं (नपुं०) [वि+रिच्+ल्युट्] दस्त, मलोत्सर्ग। विरुद्धं (नपुं०) विरोध, वैपरीत्य, शत्रुता। (सम्य० ९३)
(जयो० २६/७९) * असहमति, असंगति।
* जुलाब, मलाशय स्वच्छ करना। (समु० ९/२८) (जयो० विरुद्धकथन (वि०) विपरीत कथन, मिथ्या कथन। (जयो०० १/२९)
विरेचित (वि०) मल्लोत्सर्जित, मल का उत्सर्ग करने वाला। विरुद्धगमनं (नपुं०) दोषों का प्रसंग। 'अयनमयोगमनं प्रत्ययो विरेफः (पुं०) [विशिष्टो रेफो यस्य] * नदी, सरिता, प्रवाहिनी। विरुद्ध गममम्'
विरोकः (पुं०) [वि+रुच्+घञ्] छिद्र, सुराख। विरुद्धगाम (वि०) चौरलुण्टाक (जयो० १/२०) (जयो०१/५१) __ * दरार। विरुद्धता (वि०) * विपरीतता, विरोधिपना, * अनुपयुक्तता, विरोचनः (पुं०) [विशेषेण रोचते-वि+रुच्ल्यु ट्] * सूर्य। प्रतिकूलता।
* चन्द्र। विरुद्धताकारक (वि०) वैचित्रता का कारक, प्रतिकूलता का ____ * अग्नि। (दयो० २०)
कारक। 'य एव हेतुः प्रकल्प्येत स ततोऽन्य इति | विरोधः (पुं०) [विरुध्+घञ्] प्रतिरोध, रुकावट, ठहराव। विरुद्धताकारकः स्यात्' (जयो०वृ० २६/८६)
* आवरण, ढक्कन। विरुद्धदानं (नपुं०) अनुचित दान।
* कलह, संकट, असहमति। (जयो० १/१२) विरुद्धपानं (नपुं०) विपरीत पान योग्य पदार्थ।
* अन्तर्कलह, शत्रुतापूर्ण व्यवहार। विरुद्धभावः (पुं०) विपरीत भाव। 'जनैरुपादायि विरुद्धभाव * विरोधाभास अलंकार। (जयो०१० ३/५) इवाशुवंशैर्विपिनेऽपि दावः' (दयो० ३८)
विरोधकर (वि०) प्रतिरोध करने वाला, गतिरोध करने वाला। विरुद्धभोज्य (वि०) निषिद्ध भोजन वाला। (भक्ति० ४०) | (जयो०वृ० २/६८) विरुद्धराज्यातिक्रमः (पुं०) राज्य के विरुद्ध कार्य करना, I विरोधकारिणी (वि०) गतिरोध उत्पन्न करने वाली। राजाज्ञा का उल्लंघन करना।
(सुद०११२) विरुक्षणं (नपुं०) [वि+रुक्ष् ल्युट्] * कलंक, दोष, निन्दा। विरोधकारिन् (वि०) कलह करने वाला, संकट उत्पन्न करने * अभिशाप, कोसना।
वाला। * रुखा करना।
विरोधकृत् (पुं०) शत्रु। विरूप (वि०) [विकृतं रूपं यस्य] * कुरूप, विकृत, असुंदरता विरोधकृत् (वि०) कलहकारी, झगड़ालु। युक्त।
विरोधगत (वि०) शत्रुता को प्राप्त हुआ। * रूप विहीन, लावण्य रहित, गुणहीन। (जयो०वृ०१६/७३) विरोधगामिन् (वि०) प्रतिकूल चलने वाला। * काम वृत्ति। (जयो०वृ० १/४६)
विरोधजन्य (वि०) कहलपूर्ण। * विपत्तिका। (जयो० १६/७३)
विरोधनं (नपुं०) [विरुध्+ल्युट्] * कलह। विरूपक (वि०) सौंदर्य विहीन, पूतिगन्धयुक्त। (जयो०वृ० * बाधा, संकट, रोक। ६/७६)
* विग्ध करना, बाधा डालना। (वीरो० २०/१३)
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