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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विधिज्ञातृ ९७८ विधेय विधिज्ञात (वि०) नियम ज्ञाता। विधुननं (नपुं०) [वि+धु+णिच् ल्युट्] * हिलना, झूमना, विधिदृष्ट (वि०) नियत, विहित। विक्षुब्ध होना। विधिद्वैधं (नपुं०) नियमों की विविधता। * थरथराना, कंपकंपाना। विधिपूर्वकं (अव्य०) नियमानुसार, प्रणाली युक्त, पद्धति के | विधुन्तुदः (पुं०) [विधुं चन्द्रं तुदति त्रासयति-विधु+तुद्+ अनुसार। ___ खश्+मुम्] राहु। (जयो० ९/१५) विधिप्रयोगः (पुं०) भाग्यबल। विधुन्वन्ती (वि०) [वि+धु+शतृ ङीप्] धुनती हुई, झलती विधिरेकतानः (पुं०) इतिहास। (वीरो० २०/२२) हुई। (जयो० १२/१२१) विधिवधू (स्त्री०) सरस्वती। विधुबिम्बं (नपुं०) चन्द्रमण्डल, शशिमण्डल। चन्द्र विधिवेदिन (पुं०) ब्रह्मा, विधाता। 'विधानज्ञेन विधिना' प्रतिबिम्ब-विधुबिम्बान् चन्द्रमण्डान्। (जयो०वृ०५/२३) (जयो०३/५०) विधुमात्मन् (पुं०) चन्द्रमण्डल। (समु० २/११) विधिशायिन् (वि०) नियम से शाप युक्त हुआ। (सुद०१०९) विधुर (वि०) [विगता धूः कार्य भारो यस्मात्] शून्य रहित, विधिहीन (वि०) नियत रहित, साधन शून्य। अभाव ग्रस्त। विधीय (सक०) बनाना, रचना विधीयते (जयो०१० २/११९) * शोकग्रस्त, पत्नि के अभाव वाला। विधीयते-क्रियते (जयो०वृ० २/१६) विधीयन्ते (जयो०वृ० * व्याकुल, निराश। ४/६४) * दयनीय, शोकाकुल, दुःखी। विधुः (पुं०) चन्द्र, शशि, चन्द्रमा। (सुद० ३/४४) (जयो० * वञ्चित, विरहित, विपद ग्रस्त। १/५६) विधुरिव कौमुदमिह वा कलाधरो ह्येधयेत्किञ्च * शत्रु, विरोधी, बैरी। (वीरो० ४/४६) 'विधावित्येत्त् सम्यक्येकवचनमेव जानामि, विधुरं (नपुं०) खटका, भय, चिन्ता। किन्तु इकारान्त विधिशब्दस्य सप्तम्येकवचनं यद् भवति * शोकाकुल।. तस्य व स्मराम्यहं किल। (जयो० १६/७२) विधुः कलाभिः | * पनि वियोगी। परिवर्द्धकः सन्, पितुः प्रसक्तयै जगतोऽप्यलंसः। (समु०३/३) विधुरः (पुं०) रंडुवा। * ब्रह्मा, विष्णु। विधुरा (स्त्री०) [विधुर+टाप्] मसाले युक्त दहि। * कपूर। विधुवनं (नपुं०) [वि+धु+ल्युट्] हिलना, कांपना, थरथराना। * पिशाच, दानव। विधूत (भू०क०कृ०) [वि+धू+क्त] * धुला हुआ। * सविता, विधवति। * तरंगित, विक्षोभित। विधुकरं (नपुं०) चन्द्रकिरण। * उखड़ा हुआ, मिटाया हुआ। विधुगौरवः (पुं०) ब्रह्मा की विशालता। * थरथराया हुआ, कंपकंपाया हुआ। विधुक्षयः (पुं०) चन्द्रक्षय, कृष्ण पक्ष का समय। विधूतिः (स्त्री०) हिलना, कांपना, थरथराना, विक्षोभ। विधुजन्मदात्री (स्त्री०) कर्पूर को जन्म देने वाली, कदली, विधूदयः (पुं०) चन्द्रोदय। (सुद० १३७) केलातरु। 'विधोः कर्पूरस्य जन्मदात्री रम्भा कदल्यपि' विधृत (भू०क०कृ०) [वि+धृ+क्त] * पकड़ा हुआ, गृहीत, (जयो०वृ०५/८१) सहारा प्राप्त हुआ। विधृताङ्गलि उत्थितः क्षणं समुपस्थाय विधुत (वि०) उत्सृष्ट, धुले हुए, सकम्प। (जयो० १२/३२) पतन् सुलक्षणः। (सुद० ३/२४) विधुताम्बुधारा (स्त्री०) उत्सृष्टाम्बुसार, हाथ धोने से बही हुई * बांधी गई, रोकी गई, नियन्त्रित की गई। जलधारा। (जयोवृ० १२/१३२) * ममेतिकण्ठे विधृताऽसिपुत्री। (समु० ३/२२) विधुदीधिति (स्त्री०) चन्द्र किरण। विधेश्चन्द्रस्य दीधितिर्नाम् | विधेय (वि.) [वि+धा+यत्] किए जाने योग्य। * अनुष्ठेय। रश्मि' (जयो० १३/५४) * नियत किये जाने योग्य। विधुन् (सक०) [वि+धुन्] धुनना, झलना, हिलाना, कंपकंपाना। * आश्रित, निर्भर। (जयो० १२/१२१) * आधीन, प्रभावित, नियन्त्रित, दमित, परास्त किया For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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