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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विगीतिः ९६५ विघ्नः विगीतिः (स्त्री०) [वि+गै+क्तिन्] निन्दा, गर्हा, भर्त्सना। विग्रहगृहं (नपुं०) रणक्षेत्र। (जयो०७/६५) (त०वा० २/२५) विरोधी कथन। विघट (सक०) विनाश करना, विभक्त करना। विपरीत कथन। विघटनं (नपुं०) [वि+घट्+ल्युट] विनाश, विध्वंस, क्षति हानि। विगुण (वि०) [विगतः विपरीतो वा गुणो यस्य] गुण रहित, विभक्त, पृथक्करण। शून्य भाव, चिंतन विहीन। विरोध। (जयो० ९/४८) अल्पगुण। (जयो० २२/१३) विघटिका (स्त्री०) [विभक्ता घटिका यया] समय का माप। निकम्मा, बुरा। विघटित (भू०क०कृ०) [वि+घट्+क्त]०वियुक्त, विभक्त, विगूढ (भू०क०कृ०) [वि+गूह+क्त] ०गुप्त, रहस्य पूर्ण, विभाजित। आच्छन्न। विनष्ट, प्रणष्ट। (जयो० २/१४८) छिपा हुआ। विघट्टनं (नपुं०) [वि+घट्ट ल्युट्] घर्षण, रगड़, स्पर्श। भेद। विभाग। निन्दित, निर्भत्सित। विगृहीत (भू०क०कृ०) [वि+ग्रह+क्त] विभक्त, भग्न किया विघट्टित (भू०क०कृ०) [वि+घट्ट+क्त] हिलाया हुआ, हुआ, विघटित। विलोया गया। विश्लिष्ट किया हुआ। चोट पहुंचाया हुआ, आघात किया गया। पकड़ा हुआ, निगृहीत। विवृत किया गया, ढीला किया हुआ। ०सम्मुख किया हुआ, सामना किया हुआ। वियुक्त किया हुआ, विभक्त किया हुआ। विरोध किया गया। विघनः (पुं०) [वि+ह्र+अप्] घन, हथौड़ा, प्रहारक। विग्रहः (पुं०) [वि+ग्रह+अप्] ०देह, शरीर। (जयो० ११/१२, विघसः (पुं०) जूठन, अर्ध चर्वण। ६/११४) (जयो० ११/२८) प्रजापतेर्यः शिशुभावमाप्तोऽस्या भोजन। विग्रहात्स प्रथमोऽपि भावः। (जयो० ११/१२) 'विग्रहात् विघसं (नपुं०) मोम। पलायते शरीरन्निर्गच्छति। (जयो०७० ११/१२) विघसाशः (पुं०) भुक्त का अवशेष, जूठन। संग्राम, युद्ध, लड़ाई। (जयो०० ६/११४) विग्रहे संग्रामे | विघात (वि०) [वि+ह्न+क्त] तिरस्कार। (जयो० ९/७) (जयोवृ० ६/११४) सर्वत्र विग्रहे योऽनन्यसहायो व्यभात् हवन किया गया, नष्ट किया गया। स चेह रयात्। तव विग्रहेऽद्य मदनं सहायमिच्छत्यधीरतया।। विधातः (पुं०) विघ्न, बाधा, रुकावट। (जयो० ६/११४) प्रथम विग्रह का अर्थ संग्राम और विनाश, नष्ट क्षति, हानि। द्वितीय पंक्ति के विग्रह का अर्थ शरीर है। प्रहार, मारना, क्षति पहुंचाना। विस्तार, फैलाव, विस्तीर्णता, प्रसार। परित्याग करना, छोड़ना। रूप, आकृति, आकार, प्रतिमा। विघूर्णित (भू०क०कृ०) [वि+घूर्ण+क्त] ०दोलायित, चलायमान। •पृथक्करण, विघटन, विश्लेषण, वियोजन। लुढ़काया गया, विचलित किया गया। ०कलह, झगड़ा, विशद, मनमुटाव। विघृष्ट (भू०क०कृ०) [वि+घष्+क्त] रगड़ा हुआ, घिसा हुआ। ०अनुगह। ०पीड़ित, व्याकुलित। ०भाग। विघ्नः (पुं०) [वि+ह+क] ०बाधा, हस्तक्षेप, रुकावट। हिस्सा, अंश, प्रभाग। ०अपराधो विग्रहः। विजय की इच्छा वाला। (सम्य० ९५) विग्रहगतिः (स्त्री०) जीव की गति, शरीर गत पर्याय, कर्म कठिनाई, कष्ट। शरीर ग्रहण। शरीर की अवस्था, नवीन शरीर की प्राप्ति। अन्तराल (जयो० १०/१५) 'विरुद्धो ग्रहो विग्रहो व्याघात इति वा' विनाश-'दानादिविहननं विघ्नः' For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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