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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विकीर्ण ९६२ विक्रान्तिः विकीर्ण (भू०क०कृ०) फैलाया हुआ। 'केशान् विकीर्णानपरा | विकेश (वि०) [विकीर्णाः केशा यस्य] बिखरे हुए बालों प्रधर्तुम्।। (वीरो० ५/३९) बिखेरा गया, छितराया गया। वाला, गंजा। टूटना। (जयो० ८/३०) विकेशी (स्त्री०) खले केशों वाली स्त्री। ०प्रसूत, उत्पन्न। गंजी। विख्यात, प्रसिद्ध। विकोश (वि०) [विगतः कोशो यस्य] ०म्यान रहित, बिना विकीर्णकेश (वि०) बिखरे हुए बालों वाला। आधार का। विकीर्णमूर्धज (वि०) बालों को नोंचने वाला। भूसी रहित, अनाच्छादित। विकीर्य (वि०) फैलाए हुए, बिखेरे हुए। (वीरो० ९/१५) विक्कः (पुं०) [विक्+कै+क] युवा हाथी, तरुण हस्ति। विकुण्ठः (पुं०) विगता कुंठा यस्य। विक्रमः (पुं०) [वि+क्रम्+घञ्] ०शौर्य। (जयो० ६/८) स्वर्ग, परमधाम, ब्रह्मस्थान। विक्रमादित्य। (वीरो० २२/१५) विकुर्वाण (वि०) [वि-कृ+शानच] परिवर्तित होने वाला। पराक्रम, शक्ति प्रदर्शन, वीरता, बहादुरी। प्रसन्न, खुश, हर्ष, हृष्ट। विक्रम संवत्। (वीरो० १५/४७) विकुस्रः (पुं०) चन्द्र, शशि। ०कदम, क्रम, परम्परा, डग भरना। निकूजनं (नपुं०) [वि+कुज्+ल्युट्] कूजन ०गुनगुनाना, विक्रमकर्मन् (नपुं०) पराक्रम का कार्य। कलरव करना। ०शब्द करना। विक्रमणं (नपुं०) [विक्रम ल्युट्] चलना, कदम, डग भरना। ०चहचहाना। विक्रमाङ्गित (वि०) साहसयुक्त। (जयो० २१/३८) विकूणनं (नपुं०) [वि+कूण+ल्युट्] तिरछी चितवन, कटाक्ष। विक्रमातिशयः (पुं०) सहज पराक्रम संयुत। (जयो० २१/२९) विक् (सक०) बिखेरना, फैलाना-विकरोमि (जयो०४/३१) विक्रमादित्यः (पुं०) उज्जैनी का प्रसिद्ध राजा। (सम्य०७/६) विक्रमिन् (वि०) [विक्रमणिनि] ०पराक्रमी, शूरवीर बहादुर। विकृत (भू०क०कृ०) [वि+कृ+क्त] विकार युक्त। (जयो० विक्रमिन् (पुं०) सिंह। ११/८५) नायक। आक्रोशात्मक। (जयो० १८/३६) रोग व्याधि, पीड़ा। (जयो० १८/१९) विष्णु। विक्रय (वि०) [वि+की+अच्] बिक्री, बेचना। (सम्य० १५५) ०परिवर्तित, बदला हुआ। विरूपित, क्षत-विक्षिप्त। विक्रयपत्रं (नपुं०) बिक्री पत्र। नामा वही। ०अपूर्ण, अधूरा। ०बीभत्स, अनोखा, पराङ्मुख। विक्रयस्थानं (नपुं०) आपणिका। (जयो०१० २/१३३) ०असाधारण। विक्रयानुशयः (पुं०) बिक्री का खण्डन। विकृतं (नपुं०) परिवर्तन, सुधार। विक्रयिकः (पुं०) [बिक्री+इकन] ०व्यापारी, व्यवसायी, विक्रेता। अरुचि, अश्रद्धा, विकार। विक्रमः (पुं०) [वि+कस्+रक्] चन्द, शशि। जुगुप्सा, ग्लानि। विक्रान्त (भू०क०कृ०) [विक्रम्+क्त] शक्तिशाली, शूरवीर, विकृतिः (स्त्री०) [वि+कृ+क्तिन्] भङ्ग। (जयो० ६/१९) पराक्रमी। अरुचि, अश्रद्धा, रोग, विकार। विक्रान्तः (पुं०) शूरवीर, योद्धा, बहादुर, जाबाज़। उत्तेजना, उद्वेग, क्रोध, रोष। ___ सिंह, केसरी। (जयो० ६/१०३) विकृष्ट (भू०क०कृ०) [वि+कृष्+क्त] ०खींचा हुआ, बाहर विक्रान्तं (नपुं०) पद, डग। किया हुआ, घसीटा हुआ। घोड़े की चाल। ०आकृष्ट। ०पराक्रम। विस्तारित, फैलाया हुआ, विस्फारित। विक्रान्तिः (स्त्री०) [विक्रम+क्तिन्] ०बहादुरी, पराक्रम, For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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