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वामयोगः
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वायुमण्डलं
वात-तातयोर्ग्रन्थौ- इति वि। (जयो० २५/३०) प्राण, अपान, व्यान, उदान वायु।
०वातरोग, वायु प्रकोप। वायुकायः (पुं०) वायु के शरीर वाला जीव। वायुकायिकः (पुं०) वायु के शरीर को धारण करने वाला
जीव।
रतिः परिकरोति किलानुरागं श्रीरेव भूषयति या मम
वामभागम्। (दयो० १०९) वामयोगः (पुं०) सुंदर योग। वामरीतिः (स्त्री०) अच्छी परम्परा, सुयोग्य पद्धति। वामलूरः (पुं०) बांबी, दीमकों द्वारा निर्मित मिट्टी का ढेर। वामलोचना (स्त्री०) सुंदर नेत्र वाली स्त्री, सुनयना। वामशील (वि०) वक्र प्रकृति। वामस्कन्धः (पुं०) बांया कंधा। (समु० २/३२) वामा (स्त्री०) [वामति सौंदर्यम् वाम्+अण्+टाप्] सुंदर स्त्री,
लावण्यवती तरुणी। अर्धाङ्गिनी (जयो० १२/९३) कमनीय कामिनी युवती। (वीरो० २/४९) ० श्री (जयो० ५/९९) लक्ष्मी, गौरी। सरस्वती। अमावस्या। (जयो००५/९९) विरुद्धा। (जयो० २/१५०) ०वक्रा, कुटिला, प्रतिकूला, (जयो० १७/१४) (जयो००
१२/९३) वामा रूपः (पुं०) अर्धाङ्गिनी, वामास्त्री। (सुद० ९८) वामास्तनं (नपुं०) नवोढा स्तन। (वीरो० १२/६६) वामिल (वि०) [वाम+इलच्] सुंदर, रमणीय, सुभग, मनोहर,
लावण्ययुक्त। घमण्डी, अहंकारी, अभिमानी।
चालाक, धूर्त, छली-कपटी। वामी (स्त्री०) [वाम ङीष्] घोड़ी, गधी।
०हथिनी। वामेता (वि०) पार्श्वभाग। (जयो०वृ० १२/९५) वाम्बूलः (पुं०) बबूल। (वीरो० १९/११) वायः (पुं०) [वे+घञ्] बुनना, सीना। वायकः (पुं०) [वे+ण्वुल्] जुलाहा। ___ढेर, समुदाय, संग्रह, समुच्चय।। वायनं (नपुं०) [वे+णिच्+ल्युट्] नैवेद्य, वायना, पकवान। वायव (वि०) वायु से सम्बन्धिता वायवीय (वि०) हवा से सम्बन्ध रखने वाला। वायव्य (वि०) हवा से सम्बन्धित। वायस् (पुं०) [वयोऽसच् णित्] काक, कौवा। सुगन्धित
लकड़ी। अगर की लकड़ी। (जयो० ४/६६) वायु (पुं०) पवन, हवा, अनिल, ईरण, समीर। (जयो० २।८३) __'वायु वायुमात्रं वायुरुच्यते' सन्तति पालनबुद्धिः वायु वा
वातं तथा तं सहजप्रयातं सचित्तमाहाखिलवेदितात:। स्यात्स्पर्शनं हीन्द्रियमेतकेषु यत्प्रासुकत्वाय न चेतरेषु।। (वीरो० १९/३४) वायु ही है, जिनका शरीर ऐसे जीव वायुकायिक हैं। सहज स्वभाव से बहने वाली वायु को सर्वज्ञ देव ने सचित्त
कहा है। सभी वायुकायिक जीव एक स्पशनेन्द्रिय हैं। वायुकुमारः (पुं०) पवनकुमार। वायुकेतुः (पुं०) धूल, रंज। वायुकोणः (पुं०) पश्चिमोत्तरी कोना। वायुगण्डः (पुं०) अपचन, वायुविकार, अफारा। वायुगुल्मः (पुं०) आंधी, तूफान, बवंडर, भंवर। वायुगोचरः (पुं०) पवन की प्रतीति, हवा का स्पर्श। वायुग्रस्त (वि०) वातरोग से पीड़ित, गठियावात युक्त। वायुचारणा (स्त्री०) एक ऋद्धि, जिसके प्रभाव से वायु में
चला जाता है। वायुजात (वि०) हवा से उत्पन्न। वायुजातः (पुं०) हनुमान। वायुजीवः (पुं०) वायु रूप जीव। वायुतनयः (पुं०) पवनपुत्र, हनुमान। वायुतातिः (स्त्री०) वायुवेग, हवा की गति। (नशोषपेत्तं भुवि
वायुतातिः) (वीरो० १२/३४) वायुनन्दनः (पुं०) हनुमान। वायुनिघ्न (वि०) वातपीड़ित। गठियावात से पीड़ित। वायुपुत्रः (पुं०) पवनपुत्र, हनुमान। वायुपुराणः (पुं०) अठारह पुराणों में एक वायुपुराण। (दयो०३१) वायुफल (नपुं०) ओला, हिमखण्ड।
०इन्द्रधनुष। वायुभक्षः (पुं०) योगी। वायुभूति (पुं०) तृतीय गणधर। (वीरो० १४/२) 'वायुभूतिस्तृतीयः
सफलोकृताऽऽयुः' (वीरो०१४/२) वायुमण्डलं (नपुं०) पवन दल। जो आकार में गोल, बिन्दुओं
से व्याप्त, काले अंजन रूप, मेघ के समान चंचल, पवन
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