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मुखव्यादानं
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मुखव्यादानं (नपुं०) मुंह फाड़ना, मुंह खोलना। मुखशफ (वि०) गाली देने वाला। मुखशुद्धि (स्त्री०) मुंह धोना। मुखश्री (स्त्री०) मुख का सौंदर्य, आननकान्ति। (जयो०
६/१२९) 'मुखश्रियः स्तेयिनमैन्दवन्तु' (वीरो० ४/२२) मुखसुखं (नपुं०) उच्चारण की सुविधा, ध्वन्यात्कसुख। मुखसुरम् (नपुं०) होंठों की तरावट। मुखाग्निः (स्त्री०) दावानल, यज्ञीय अग्नि। मुखानिलः (पुं०) मुख पर अग्नि देना, शव पर अग्नि लगाना। मुखाब्ज (नपुं०) कमल रूपी मुख, कमल के समान मुख।
(सुद० २/२८, जयो० १०/७०) मुखाम्बुजं (नपुं०) देखो ऊपर। मुख-कमल। मुखाम्भोजवती (स्त्री०) मुख कमलवती, कमल के मुख
वाली स्त्री। (सुद० २/७) मुखाम्भोरुहः (पुं०) नम्रमुखी, कमलमुखी। (जयो० १६/४३)
मुख की मौनता। (जयो० ५/१०१) मुखारविंदं (नपुं०) वक्त्रपद्म। (जयो० २३/५)
कमल रूपी मुख, कमल सदृश मुख। मुखासवः (पुं०) अधरामृत। मुखाम्राव: (पुं०) धुंक, लार। मुखेन्दु (स्त्री०) चन्द्र मुख। मुखोल्का (स्त्री०) दावानल। मुख्य (वि०) [मुखे आदौ भवः-यत्] ०मुख से सम्बंधित।
मुख्य, प्रधान, प्रमुख, प्रथम ०आदि। उत्तम, अच्छा।
(सम्य० ८४) मुख्यः (पुं०) नेता, पथप्रदर्शक। मुख्यं (नपुं०) धार्मिक कार्य। मुख्यचान्द्रः (पुं०) चान्द्रमास की प्रधानता। मुख्यनृपः (पुं०) सर्वप्रमुख राजा। मुख्यमन्त्रिन् (पुं०) राज्य का प्रमुख मन्त्री। मुग्ध (वि०) मूर्छित, मोहित हुआ। संलीन (जयो० २३/ सुद० ८५)
* प्रीतियुक्त, आसक्तिजनका ०सुंदर, प्रिय, मनोहर, कान्त।
०सरल, भोला-भाला। मुग्धगत (वि०) मूर्छित हुआ। मुग्धजात (वि०) प्रीति को उत्पन्न हुआ। मुग्धता (वि०) मूढता, मूर्खता।
प्रीतिभाव युक्त। (जयोवृ० १५/९५)
मुग्धभावः (पुं०) मूर्छा भाव, सादगी। मुग्धबुद्धिः (स्त्री०) जड़ बुद्धि, मूढमति। मुग्धा (स्त्री०) विदुषी। (जयो० २४)
अति सुंदरी स्त्री। (जयो० ११/८३) नायिका विशेष।
प्रिया। दुग्धीकृतेऽस्य मुग्धे यशसा। मुग्धिका (स्त्री०) बालवयस्का (जयो०१२/१९) (जयो० ६/३७)
मुग्धीयते-मोहित हो रहा है। (जयो० ११/९८) मुग्धोत्तमा (स्त्री०) विदुषी, मूर्खशिरोमणिरूपा। (जयो० ११/८३) मुच् (सक०) धोखा देना, ठगना, वंचना। मुञ्च (सक०) त्यागना, छोड़ना, मुश्चेत् (सम्य०१५४, सुद०८०)
अलग रखना, पृथक् करना। ० फेंकना, डालना, उड़ेलना। टपकाना, गिराना। निकालना, बाहर करना। प्रदान करना, अनुदान देना। उच्चारण करना, बोलना, कहना। उत्सर्ग करना। उन्मुक्त करना, डाल देना।
० उद्धार करना, सुलझाना। मुचकः (पुं०) लाख। मुचुकुन्दः (पुं०) एक वृक्ष विशेष।
०एक राजा का नाम। मुचिरः (पुं०) [मुञ्च्+किरच्] ०देव।
०गुण।
०वायु। मुचिलिन्दः (पुं०) तिलपुष्प। मुचुटी (स्त्री०) अंगुलियां चांटना। मुञ्चित (वि०) परित्यक्त, छोड़ा गया। (जयो० १४/९४) मुज्झ (सक०) छोड़ना, त्यागना। (जयो० १२/२२) मुञ्ज (सक०) साफ करना, स्वच्छ करना, निर्मल करना। मुञ्जः (पुं०) [मुञ्+अच्] ०मुञ्ज नामक घास।
मुंज सजा। मुञ्जकेशः (पुं०) शिव।
विष्णु। मुञ्जरं (नपुं०) [मुञ्+अरन्] कमल की जड़। मुद् (सक०) कुचलना, तोड़ना, पीसना, चूरा करना।
०कलंकित करना, निन्दा करना।
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