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प्राप्तिः
७३९
प्रायः
प्राप्तिः (स्त्री०) [प्र+आप+क्तिन्] ०अधिग्रहण, अवाप्ति।
(समु० ५६) ०लाभ, द्रव्य उपलब्धि। यश, कीर्ति। प्राप्त करना, पहुंचना। ०पहुंच, आगसन। ०देखना, मिलना। ०अनुमान, अटकल। हिस्सा , अंश, ढेर। ०भाग्य। उदय, पैदावार। संघ, समुच्चय, समुदाय, संहति।
एक ऋद्धि विशेष, वस्तुओं। प्राप्य (सं०कृ०) प्राप्त करके। (सम्य० ४२) (जयो०वृ०१/५१) प्राबल्यं (नपुं०) [प्रबल्+ष्यञ्] ०प्रभुता, सर्वोच्चता,
०बल, शक्ति, सामर्थ्य, ताकत। प्राबालिक (वि०) मूगों का व्यापारी, ० धातु विशेष का
व्यापार करने वाला। प्रबोधकः (पुं०) [प्र+आ+वुध+णिच्+ण्वुल] जागरण, बोध,
सचेत।
प्रभात। प्राभञ्जनं (नपुं०) [प्रभञ्जन+अण] स्वाति नक्षत्र। प्राभञ्जनिः (स्त्री०) [प्रभञ्जन+इब्] ०हनुमन, हनुमान
भीम-पाण्डपुत्र। प्राभवं (नपुं० [प्रभु+अण्] ०प्रभुता, सर्वोपरिता, सर्वोच्चता।
सत्ता, अधिकार, शक्ति। प्राभवत्यं (नपुं०) [प्रभवत्+ष्यञ्] •सत्ता, अधिकार, शक्ति।
सर्वोच्चता, सर्वश्रेष्ठता। प्राभवामि सत्तायुक्त होता हूं। प्रभुशक्ति से युक्त होता हूं।
(जयो० २/१२१) प्राभाकरः (पुं०) [प्रभाकर+अण्] प्रभाकर का अनुयायी,
मीमांसक मत का आचार्य। प्राभातिक (वि०) [प्रभात+ठञ्] प्रभात सम्बंधी, प्रात:कालीन।
(जयो० १८/३६) प्राभातिकी (स्त्री०) प्रभातसंबंधी, प्रात:कालीन। प्राभूतं (नपुं०) (प्र+आ+भृ+ क्त] ०उपहार, भेंट, पुरस्कार।
०पदों से पृथक् अथवा स्पष्ट 'जम्हा पदेहिं फुडं तम्हा पाहुडं' (क०पा०पृ० २९)
तीर्थंकरों द्वारा प्रस्थापित। प्रकृष्ट आचार्यों द्वारा धारित। ०आचार्यों द्वारा व्याख्याता
अधिकार विशेष। 'अहियारो पाहुडयं एयट्ठो' (गो० जी० ३४१) 'वस्तुनः
अधिकारः प्राभृतकम्। प्राभृतकं (नपुं०) उपहार भेंट, पुरस्कार। ०अधिकार, वस्तु का
व्याख्यान। प्राभृतदोषः (पुं०) काल या मर्यादा का परिवर्तन करके दान
देना। प्राभृतप्राभृतं (नपुं०) श्रुतज्ञान का अधिकार। स्पष्ट कथन
पद्धति, उपहार का समर्पण।। प्राभूतिका (स्त्री०) प्रकृत कार्य का बढ़ा लेना।
प्राभृतिका में आहार आदि का समय बढ़ा लेना दोष। प्राभृतिकादोषः (पुं०) उत्पादन दोष। ०आहार दोष। प्रामाणिक (वि०) [प्रमाण+ठक्] प्रमाण से सिद्ध, प्रमाण पर
आधारित। शास्त्रसिद्ध, अधिकृत।
विश्वसनीय, प्रमाण सम्बंधी। प्रामाणिकः (पुं०) प्रमाण मानना, तार्किक, तर्कसंगत। प्रामाण्यं (नपुं०) [प्रमाण+ष्यञ्] ०प्रमाण पर आधारित होना।
विश्वसनीयता, प्रामाणिकता। प्रमाण, साक्ष्य, अधिकार। ०पदार्थ के जानने की शक्ति।
०प्रमिति क्रिया के प्रति अतिशय जानकारी। प्रामादिक (वि०) [प्रमाद+ठक्] ०प्रमाद सहित, आलसी।
०दोषयुक्त, अशुद्ध, गलत।
०असावधानी युक्त। प्रामाद्यं (नपुं०) [प्रमाद्+ष्यञ्] त्रुटि दोष, गलती, अशुद्धि।
उन्माद, नशा, मदहोशी, उन्मत्तता, पागलपन। प्रामित्यं (नपुं०) प्रमाद सहित।
प्रामित्य दोष, साधु के आहार के लिए ऋण लेकर दान
देना। प्रायः (पुं०) [प्र+अय्+घञ्] ०अपगमन, विदा, प्रयाण।
तप-प्रायो नाम तपः प्रोक्त। ०आमरण अनशन, व्रत रखना। इष्टसिद्धि के लिए उपवासादि रखना। अपराध, दोष-प्रायोऽपराध उच्यते
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