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प्रहीणं
७३२
प्राकृतभाषा
प्रहीणं (नपुं०) विनाश, निराकरण, घाटा। प्रहुतः (पुं०) भूतयज्ञ। प्रहुतं (नपुं०) आहूत यज्ञ। प्रहृत (भू०क०कृ०) [प्र+ह+क्त] पीटा गया, आघात किया
गया, चोट पहुंचाया हुआ। प्रहृत्य (वि०) हर्ष युक्त। (जयो० ८/२३) प्रहृष्ट (भू०क०कृ०) [प्र+हष्+क्त] खुश, प्रसन्न, आनन्दित
रोमाञ्चित। (जयो०८)
आनन्दित, पुलकित, आह्लादित।
रोमाञ्चित करना। प्रहृष्टकः (पुं०) [प्रहृष्ट+कन्] काक, कौआ। प्रहेलकः (पुं०) [प्र+हिल्+ण्वुल] ०पहेली। प्रहेलिका। प्रहेला (स्त्री०) [प्र+हिल्+अ+टाप्] मुक्त व्यवहार, अनियन्त्रित
व्यवहार। प्रहेलिः (स्त्री०) प्रहेलिका, पहेली, कूट प्रश्न। प्रहेलिका (स्त्री०) पहेली, कूट प्रश्न, बुझौबल, बूझो तो जानो। प्रह्लन (भू०क०कृ०) [प्र+हाद्+क्त] आनन्दित हो गया, प्रसन्न
हो गया। प्रह्लादः (पुं०) [प्र+ह्लाद्+घञ्] हर्ष।
० आनंद, खुशी, प्रसन्नता।
शब्द, आवाज। - हिरण्यकशिपु का पुत्र, प्रह्लाद। प्रह्लादन (वि०) [प्र+हाद्+णिच्+ण्वुल्] आनंद देने वाला,
खुश करने वाला। प्रह्लादनं (नपुं०) हर्ष, आनंद। प्रत (वि०) [प्र+ह्व+वन्] तिरछा।
झुका हुआ, तिर्यग्। विनम्र। दीन, विनीत, विनयी, सुशील।
•अनुरक्त, भक्त, आसक्त। प्रह्वयति-विनीत करना, विनम्र बनाना। प्रवलिका (स्त्री०) प्रहेलिका। प्रायः (पुं०) [प्र+हे+घञ्] आमंत्रण, निमंत्रण। प्रांशु (वि०) [प्रकृष्टा अंशवो यस्य] लम्बा, विस्तार युक्त। प्रांशुः (पुं०) लम्बा आदमी। प्राक् (अव्य०) [प्राचि सम्तम्यर्थे असिः तस्य लुक्] पहले,
पूर्व का, प्राचीन समय का। पूर्व अंश, पूर्व भाग में। (सम्य० १८/६३)
सामने।
जहां तक हो, वहां तक। प्राकशैलः (पुं०) पूर्व पर्वत। (जयो० १८/६३) प्राकट्यं (नपुं०) [प्रकट+ष्यञ्] प्रकट करना, प्रकाशित करना,
कुख्याति। प्राकरणिक (वि०) [प्रकरण+ठक्] प्रकरण से सम्बंधित,
विचारणीय विषय से सम्बंध रखने वाला। प्रस्तुत विषय
से सम्बद्ध। प्राकषिक (वि.) [प्रकर्ष+ठक्] ०श्रेष्ठतर, उत्तमतम। __अधिक अच्छा समझा जाने वाला। प्राकषिकः (नपुं०) [प्र+आ+कष्+उकन्] ०लौंडा, गांडू।
दूसरे की स्त्री से अपनी जीविका चलाने वाला। प्राकाम्यं (नपुं०) [प्रकाम+ष्यञ्] स्वेच्छाचारिता, अनिवार्य
संकल्प। मनोरथ की प्राप्ति।
प्राकाम्य ऋद्धि, जिससे प्रचुर अभिलाषा हो। प्राकारः (पुं०) परकोटा, चारों ओर की ऊंची दीवारें, वप्र
(वीरो० २/२४) वरण, कोट (वीरो० २/२९) परकोटा
(जयो० १५/२६) (दयो० १६) प्राकृत (वि०) [प्रकृति+अण्] ०स्वाभाविक, नैसर्गिक,
अपरिवर्तित। मौलिक, अविकृत। प्रचलित, सामान्य, साधारण। असंस्कृत, असम्भ, अशिक्षित, गंवार। नगण्य, महत्वहीन, तुच्छ। प्रकृति से उत्पन्न।
प्रान्तीय, देहाती। प्राकृत ज्वरः (पुं०) सामान्य बुखार। प्राकृत प्रलयः (पुं०) पूर्ण विघटन, पूर्ण विनाश। प्राकृतभाषा (स्त्री०) प्रकृति/स्वभाव सिद्ध भाषा 'प्रकृतौ भवं
प्राकृतम, स्वभावसिद्धमित्यर्थः' तत्जन्म-उससे उत्पन्न देश्यादि से समन्वित स्वाभाविक भाषा। 'प्राकृतं तज्ज-तत्तुल्य-देशादिकमनेकधा' (जैन०ल० ७८७) * प्राकृत शब्द प्राकृत भाषा का बोध कराने वाला शब्द है।
प्रकृति संस्कृतम, तत्रं भवं तत आगतं वा प्राकृतम् जो मूल संस्कारित शब्द को रखकर जिसे प्राकृत रूप दिया जाता है वह प्राकृत भाषा है 'प्रक्रियते यया सा प्रकृतिः' जिससे दूसरे पदार्थों की उत्पत्ति हो।
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