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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रभूतवयस् ७११ प्रमदासमूहः हुआ। प्रभूतवयस् (वि०) वयोवृद्ध, बूढ़ा। प्रमत्तविरतः (पुं०) संयम के साथ प्रमाद। प्रभूतवित्त (नपुं०) विपुल धन। (जयो० ४९/ ) प्रमत्तसंयतः (पुं०) प्राप्त संयम में प्रमाद। 'प्रकर्षेण मत्ता प्रभूति (स्त्री०) [प्र+भू+क्तिन्] ०उद्गम, उद्भूत, उत्पत्ति। प्रमत्ताः, सं सम्यक् यताः विरताः, प्रमत्ताश्च ते संयताश्च शक्ति, सामर्थ्य। प्रमत्तसंयताः' (धव० १/१७५) ०अधिकता, पर्याप्तता। प्रमथः (पुं०) [प्र+म+अच्] अश्व, घोड़ा। प्रभूति (अव्य०) से लेकर, शुरू करके। प्रमथनं (नपुं०) [प्र+मथ् ल्युट्] ०चोट पहुंचाना, क्षति करना, प्रभृतिः (स्त्री०) आरंभ, शुरु, आदि, इत्यादि। (जयो० ६/६) संतप्त करना। प्रभेदः (पुं०) [प्र+भिद्+घञ्] चीरना, फाड़ना। भेद करना, मंथन, मथना, विलोना। पृथक् करना। ०वध, हत्या। प्रभ्रंशः (पुं०) [प्र+भ्रंश्+घञ्] टूटना, पतित होना, गिरना। | प्रमथित (भूक०कृ०) [प्र+मथ्+क्त] प्रपीड़ित, कष्टजन्य। ०ध्वंस होना, क्षय होना, क्षीण होना। विलोया गया, मथा गया। प्रभ्रंशथुः (पुं०) [ प्र+भ्रंश्+अथुच्] पीनस नाक का रोग। वध किया गया। प्रभ्रंशित (भू०क०कृ०) [प्र+भ्रंश्+णि+क्त] ०खण्डित किया । प्रमद (वि०) [प्रकृष्टो मदो हर्षस्तेन] मंदोन्मत्त, नशे में धुत्त। गया, तोड़ा गया। आवेशपूर्ण, स्वेच्छचारी। ०प्रमादी। आलसी। ० फेंक गया, नीचे पड़ा हुआ। प्रमदः (पुं०) [प्रकृष्टो मदो हर्षस्तेन] हर्ष, आनंद, खुशी, ०वञ्चित। प्रसन्नता। (सुद० ३/५) 'प्रकृष्टेन मदेन स्वगतेन वीर्येणेति प्रभ्रष्ट (भू०क०कृ०) [प्र+भ्रंश्+क्त] गिरा हुआ, नीचे पड़ा मदो मृगमदे मद्ये दानमुद्गर्वरेतसि इति विश्वलोचनः' (जयो०वृ०५/४०) प्रभ्रष्टं (नपुं०) मुकुट, माला, शिरोपस्थित मुकुट। प्रमदक (वि०) मद वाला, मद युक्त। प्रभ्रष्टकं (नपुं०) [प्र+भ्रष्ट+कन्] शिरोपस्थित मुकुट। ०लम्पट, कामुक। प्रमग्न (भू०क०कृ०) [प्र+मस्ज्+क्त] निमग्न, डूबा हुआ, प्रमदकाननं (नपुं०) प्रमोदवन, राजगृहोद्यान, भवन से जुड़ा डुबोआ हुआ। हुआ उपवन। आनन्द वन। ०क्रीडोद्यान। प्रमत (भू०क०कृ०) [प्र+मन्+क्त] सम्मत, विचारा हुआ। प्रमदनं (नपुं०) [प्र+म+ल्युट] कामेच्छा, लम्पटता। प्रमत्त (भू०क०कृ०) [प्र+मद्+क्त] ०मन्दोमत्त, नशे में चूर, प्रमदा (स्त्री०) [प्रमद+अच्+टाप्] पुरिस सदा प्रमत्तं कुणदि उन्मादा त्ति-य उच्चदे पमदा। प्रमत्त युक्ता। प्रमादिता। उन्मत्त, पागल। ०स्त्री०, पत्नी। (वीरो०८/३१, जयो० १३/९५) उपेक्षक, अनवधान, असावधान, अनपेक्षा नवयौवना, रूपवती नारी। उन्मार्गगामी, भूल करने वाला। नायिका का एक भेद। (जयो०वृ० १८४) स्वेच्छाचारी, लम्पट। प्रमदाकाननं (नपुं०) प्रमोद वन, क्रीड़ावन, राजगृहोद्यान। ०प्रमाद परिणत व्यक्ति। प्रमदाजनः (पुं०) नवयौवना, रूपवती नारी। कार्य-अकार्य से अनभिज्ञ। प्रमदापादप्रहारः (पुं०) नवयौवना का पाद प्रहार। 'अशोकः मोहनीय कर्म के प्रभाव से युक्ता प्रमदापादप्रहारेण विकसतीति' (जयोवृ० १/८४) संयम और योग से युक्त। प्रमदाम्बुधिः (पुं०) आनन्दोदधि, हर्षरूपी सागर। (वीरो०७/१) विकथा, कषाय युक्त। प्रमदावनं (नपुं०) अंतापुर उपवन, भवनोद्यान, केलिगृह का प्रमत्तगीत (वि०) उपेक्षा भाव से गाया गया गीत। उपवना प्रमत्तचित्त (वि०) लापरवाह, असावधान। प्रमदासमूहः (पुं०) जनीजन समूह, नवयौवना समूह। (जयो० प्रमत्तता (वि०) प्रमादता। (वीरो० १६/१५) १०/५८) प्रमत्तभावः (पुं०) प्रमादभाव, उन्मत्त भाव। कौतुकप्रिय। (जयो० १०/५८) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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