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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रणस ६८३ प्रणीतिः प्रणस (वि०) [प्रगता-नासिका यस्य सादेशः अच् णत्वम्] ०महान् प्रयत्ल (हित० १६) 'प्रणिधानं विशिष्टश्चेतोधर्मः' बड़ी नाक वाला, लम्बी नाक वाला। प्रणिधानं चेतः स्वास्थ्यम्। (जैन०ल० ७३६) प्रणहानि: (स्त्री०) प्रतिज्ञा हानि। (दयो० १३) प्रणिधानयोगः (पुं०) एकाग्रचित्त का योग। प्रणिधानं चेतः प्रणाडी (स्त्री०) माध्यम, अन्तरायण। स्वास्थ्यम्, तत्प्रधानयोगाः प्रणिधानयोगाः। (जैन०ल० ७३६) प्रणादः (पुं०) [प्र+नद्+घञ्] चीत्कार, क्रन्दन, तीव्र ध्वनि, | प्रणिधिः (स्त्री०) आसक्ति, अरुचि, ०अनुचर, गुप्तचर, (जयो०८/२३) सचेत, प्रार्थना। ०दहाड़, गर्जना, चिंघाड़ा व्रतों की अपरिणति (अनुरोध) 'प्रणिधिः व्रतापरिणतावाहर्षातिरेक की ध्वनि। सक्तिः प्रणिधानम्' (जैन०ल० ७३६) ०कान का रोगा प्रणिधिमाया (स्त्री०) नाप-तौल में कमी रखना, हीनाधिक दुहाई देना। रखना। प्रणामः (पुं०) [प्र+नम्+घञ्] नमस्कार करना, अभिवादन प्रणिधृ (सक०) रखना, निक्षेपण करना, प्रणिधाय। (जयो० करना, झुकना, नम्र होना, वन्दन। (जयो० ११/८४) १२/११६) प्रणति, साष्टांग नति। प्रणिनादः (पुं०) [प्र+नि+न+घञ्] तीव्र ध्वनि। प्रणायकः (पुं०) [प्र+नी+ण्वुल्] ०नायक, नेता। अधिनायक। प्रणिपतनं (नपुं०) [प्र+नि+पत्+ल्युट] अभिवादन, नमन, प्रणाम, विनति, साष्टांग प्रणाम। (जयो० १२/४६) सेनापति। ०वस्तु में अन्य वस्तु मिलाना। ०छल करना। प्रथप्रदर्शक, प्रधान, मुख्य। प्रणिपातमुद्रा (स्त्री०) जानु, हाथ और सिर को झुकाना, प्रणाम्य (वि०) [प्र+नी+ण्यत्] प्रिय, प्यारा। विनम्र होना, नत होना। 'जानु-हस्तोत्तमाङ्गादिसंप्रणिपातेन ०खरा, स्पष्टवादी। प्रणिपातमुद्रा। (जैन० ७३६) आवेश, शून्य, विरक्ति। प्रणिसित (वि.) [प्र+निश्+क्त] चुम्बन किया गया। प्रणालः (०) [प्रा नल्+घञ्] नाली. पनाले, नहर मार्ग। प्रणिहित (भू०क०कृ०) [प्र+नि+धा+क्त] ०व्यवहत, रक्खा ०परम्परा, अविच्छिन्न धारा। गया। प्रणालिका (स्त्री०) [प्र+नल+कन्+टाप्] पनाले, नाली, न्यस्त, समर्पित। नहर मार्ग। ०एकाग्रचित्त, निश्चित। प्रणाली (स्त्री०) पद्धति, रीति। (वीरो० २०/५) सावधान, सचेत। प्रणाशः (पुं०) [प्र+नश्+घञ्] ०नाश, हानि, क्षय, घात। उपलब्ध, प्राप्त। (सम्य० १३६) (सुद० १२९) प्रणीत (भूक०कृ०) [प्र+नी+क्त] ०उपस्थित. उद्यत हुआ। विराम, मृत्यु। ०लाया हुआ, कम किया गया। प्रणाशगत (वि०) विनाश को प्राप्त। (मुनि० २४) कार्यान्वित, अनुष्ठित, कार्यगत। प्रणाशन् (वि०) [प्र+नश्+णिच्+ल्युट्] विनाश करने वाला, सिखाया गया, नियत, प्रदत्त। (जयो०८/७९) हानि पहुंचाने वाला। ०भेजा गया, सेवा निवृत्ता ०हटाने वाला, अलग करने वाला। प्रणीतः (पुं०) गीत, गान, प्रस्तुति। (जयो०वृ० १२/७० प्रणाशनं (नपुं०) समुच्छेदन, उन्मूलन, विनाश, विघात। प्रणीतहेति प्रसङ्गः (पुं०) प्रदत्तशस्त्रसमागम। प्रणिगद् (सक०) बोलना, कहना। सर्वानवगुणांल्लातीत्य- ०प्रणीताग्निसम्बन्धी बलाप्रणगद्यते। फांसना (समु० ५/५) (जयो २/१४५) । प्रणीतिः (स्त्री०) प्रणयन, विवाह। प्रणिधानं (नपुं०) [प्र+नि+धा+ल्युट्] चित्त की एकाग्रता। ०पराधीन जीवन। (जयो० २७/६१) पर के आधीन। स्वास्थ्य चित्त। सुरचना। (वीरो० २/२६) उचितनीति। (जयो० १/३५) प्रयोग करना, व्यवहार, उपयोग। 'जनस्य नीति: परतः प्रणीतिः' (जयो० २७/६१) For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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